राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, जिन्होंने पिछले हफ्ते भाजपा-नीत एनडीए गठबंधन से अलग हो कर केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, ने रविवार को कहा कि एनडीए से बाहर निकलने के बाद उनके पास कई विकल्प हैं और उन्हें में से एक विकल्प है कांग्रेस-नीत महागठबंधन ने शामिल होना।
शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और अखिलेश प्रसाद सिंह से मुलाक़ात करने के बाद कुशवाहा पत्रकारों से बात कर कर रहे थे।
उन्होंने कहा “मैं मानता हूँ कि बैठक हुई लेकिन बैठक में क्या बात हुई इसकी जानकारी मैं अभी नहीं दे सकता। महागठबंधन में शामिल होने का विकल्प मेरे सामने कई विकल्पों में से एक है। अभी तक हमने कोई आखिरी निर्णय नहीं लिया है।” कुशवाहा एनडीए से अलग होने के बाद पार्टी की पहली मीटिंग के लिए पटना में थे।
उन्होंने रालोसपा के तीन बागी सदस्यों के विद्रोह के सम्बन्ध में कुछ भी बात करने से इनकार कर दिया। और कहा कि ये उनका निजी निर्णय है। उन्होंने कहा कि वो तीनो चाहे तो एनडीए में रह सकते हैं।
रालोसपा के ‘मिलान समरोह’ में कुशवाह ने अपनी पार्टी के भीतर मचे कलह को कम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “जब मैं रविवार को पटना हवाई अड्डे पर पहुंचा, तो पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मैंने जो उत्साह देखा, वह 2014 में केंद्रीय मंत्री बनने पर व्यक्त उत्साह से कहीं अधिक था।”
उन्होंने ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा “यह दिखाता है कि आपको जो ऑफर दिया जा रहा था उससे आप खुश नहीं थे। आप एक बड़ा हिस्सा चाहते थे और सिर्फ एक मंत्री पद के साथ संतुष्ट नहीं थे। मैं इस भावना को सलाम करता हूं।” कुशवाह ने बीजेपी के साथ संबंधों को खारिज करने के संदर्भ में कहा कि भाजपा उनकी पार्टी को अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए राज्य के 40 सीटों में से केवल दो सीटों की पेशकश कर रही है।
लोकसभा में रालोसपा के तीन सदस्य हैं।
जहानाबाद के रालोसपा सांसद अरुण कुमार पिछले दो सालों से अलग रास्ता तय कर रहे हैं, सीतामढ़ी संसदीय राम कुमार शर्मा ने शुरुआत में नीतीश झुकाव दिखाया, लेकिन बाद में कुशवाह के साथ आ गए। जब कुशवाहा ने दिल्ली में एनडीए छोड़ने की घोषणा की थी उसवक्त शर्मा उनके साथ देखे गए थे। रालोसपा के तीसरे संसद खुद कुशवाहा हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास मेरे लिए दो मिनट का भी वक़्त नहीं था जबकि मैं उनके मंत्रिमंडल का एक सदस्य था। मैं उन्हें बताना चाहता था कि नीतीश कुमार के लिए हमारे साथ पक्षपात किया जा रहा है लेकिन उन्होंने मुझसे मिलना भी उचित नहीं समझा।
एनडीए से अलग होने के बाद कुशवाहा की महागठबंधन में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।