आम आदमी को झटके देने वाली खबर आई है। जहां थोक महंगाई दर 12.94 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं मई में रिटेल या खुदरा महंगाई 4.23 फीसदी से बढ़कर 6.30 फीसदी पर आ गई है। मई में खाने-पीने की चीजों की रिटेल महंगाई अप्रैल के मुकाबले 1.96 फीसदी से बढ़कर 5.01 फीसदी पर आ गई है। जबकि रिटेल इन्फ्लेशन के 5.39 फीसदी पर रहने का अनुमान था।
पिछले महीने में मई खुदरा महंगाई दर बढ़ने की वजह पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने की चीजों को बताया जा रहा है। महीनें दर महीनें के आधार पर मई में सब्जियों की महंगाई -14.18 फीसदी से बढ़कर -1.92 फीसदी पर आ गई है। बढ़ती सीपीआई मुद्रास्फीति ने छह महीने में पहली बार आरबीआई की सहनशीलता की सीमा को पार किया है। बता दें कि आरबीआई ने ये दायरा 2-6 फीसद तय किया था। इससे पहले लगातार 5 महीने तक खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे रही थी।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने के 1.96 प्रतिशत से कहीं अधिक है। इससे पहले, नवंबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति की उच्चतम दर 6.93 प्रतिशत रही थी। मई 2020 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 3.7 प्रतिशत थी। जबकि अप्रैल 2021 में यह दहाई अंक 10.49 प्रतिशत पहुंच गयी। यह लगातार पांचवां महीना है जब थोक महंगाई दर बढ़ी है।
आंकड़े के अनुसार खुदरा महंगाई दर में तेल और वसा खंड में सर्वाधिक तेजी से मूल्य वृद्धि हुई और सालाना आधार पर यह बढ़कर 30.84 प्रतिशत पहुंच गई। मांस और मछली, अंडा, फल तथा दलहन एवं उसके उत्पादों के मूल्य में वार्षिक आधार पर क्रमश: 9.03 प्रतिशत, 15.16 प्रतिशत, 11.89 प्रतिशत और 9.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ईंधन और बिजली की श्रेणी में महंगाई दर बढ़ी
ईंधन और बिजली की श्रेणी में महंगाई दर बढ़कर 11.58 प्रतिशत पहुंच गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम में तेजी के साथ ईंधन और बिजली खंड में थोक महंगाई दर बढ़कर मई में 37.61 प्रतिशत पहुंच गयी जो अप्रैल में 20.94 प्रतिशत थी।
विनिर्मित उत्पादों के मामले में थोक मुद्रास्फीति मई में 10.8 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 9.01 प्रतिशत थी। हालांकि खाद्य वस्तुओं के मामले में थोक मुद्रास्फीति मई में मामूली घटकर 4.31 प्रतिशत रही। जबकि प्याज के दाम में तेजी रही। प्याज के दाम में वृद्धि मई में 23.24 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में इसमें 19.72 प्रतिशत की कमी आई थी।
खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में इक्रा लि. की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि महंगाई दर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। अप्रैल के मुकाबले इसमें 2.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।