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    LS Discusses Rise in Food Price

    महँगाई पर चर्चा: लगभग दो हफ़्तों से विपक्ष द्वारा महँगाई पर चर्चा की मांग के बाद आखिरकार सोमवार यानी 01 अगस्त को महंगाई के मुद्दे ओर लोकसभा में चर्चा प्रारंभ हुई जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा अन्य नेताओं ने अपने अपने पक्ष रखे।

    महंगाई पर चर्चा की शुरुआत के ठीक पहले कांग्रेस के निलंबित चार सांसदों का निलंबन रद्द किया गया। आपको बता दें कि पूरे मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है और अब तक दोनों सदनों से कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। इनमें से चार लोकसभा सांसदों के निलंबन का फैसला वापिस लिया गया।

    इसके पहले दिन की शुरुआत में लगभग सभी विपक्षी दलों द्वारा एकजुट होकर ED द्वारा शिवसेना नेता संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद सरकार द्वारा केंद्रीय जाँच एजेंसी के दुरूपयोग को लेकर प्रदर्शन किया गया।

    फिर दिन के दूसरे सत्र में महँगाई पर चर्चा शुरू हुई जिसकी शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की। श्री तिवारी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार को “8 सालों से आर्थिक कुप्रबंधन” का दोषी बताया।

    मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार बढ़ती महँगाई को रोकने के लिए अपने बजट को सही कर सकती थी, लेकिन सरकार ने आम आदमी के बजट को गड़बड़ कर दिया।

    चर्चा में तृणमूल कांग्रेस का पक्ष रखते हुए सांसद काकोली घोष दस्तीदार बढ़ती महँगाई के लिए ईंधन के दामों में बढ़ोतरी को जिम्मेदार बताते हुए सरकार पर हमला बोला।

    श्रीमती दस्तीदार ने अपने भाषण में कहा कि LPG की कीमतों में बढ़ोतरी से हर घर के रसोई का बजट हिल गया है। ऐसा लग रहा है मानो सरकार जनता को “बिना पकाए हुए खाना” खाने पर मज़बूर करना चाहती है।

    विपक्ष के इन आरोपों के जवाब में सरकार के नुमाईंदों की बारी थी और सबसे पहले मोर्चा संभाला बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने। उन्होंने पड़ोसी मुल्कों के हालात से भारत की तुलना करते हुए कहा कि देश मे हालात अभी बहुत सही है।

    श्री दूबे ने आगे कहा कि देश मे 80 करोड़ गरीबों को सरकार “फ्री-फंड” में 2 वक़्त का आनाज मुहैया करवा रही है। उनके इस “फ्री फंड” वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चे किये गए और मजे लिए गए। नेटीजेंस ने तो सरकार की इस योजना को “विश्व का सबसे बड़ा भंडारा” घोषित करने की मांग कर दी।

    वहीं झारखंड से ही आने वाले दूसरे BJP सांसद जयंत सिन्हा ने देश मे महँगाई के होने को ही इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष महँगाई को मुद्दा बनाना चहती है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा। क्योंकि देश मे महँगाई है ही नहीं!

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा और उन्होंने सरकार का बचाव किया। कांग्रेस ने निर्मला सीतारमण के इस भाषण के बाद आरोप लगाया कि सरकार महँगाई के मुद्दे को अप्रत्यक्ष रूप से इनकार रही है।

    हालांकि लोकसभा में चर्चा के बाद महँगाई के ही मुद्दे पर राज्यसभा में मंगलवार यानी 02 अगस्त को होगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष से कहा है कि उनकी सरकार सदन में इस चर्चा के लिए तैयार है।

    कुल मिलाकर काफ़ी मान मनौव्वल के बाद और विपक्ष द्वारा लगातार दवाब बनायेजाने के बाद संसद के दोनों सदनों में महँगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि देश मे इस वक्त मुद्रास्फीति और वस्तुओं के दामो में बढ़ोतरी अप्रत्याशित दर पर हैं।

    सदन में चर्चा से उम्मीद की जा सकती है कि कोई ठोस नीतिगत फैसला निकलकर सामने आए जिस से तत्काल ही महँगाई पर नियंत्रण हासिल किया जाए।

    खैर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर जिसमें कृति दूबे नाम की बच्ची ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर बताया है कि कैसे पेंसिल आदि के दाम बढ़ने से उसकी मम्मी क्लास लगा रही हैं। अगर आपने नहीं देखा है तो ढूंढकर देख लीजिए, इस से महँगाई का आलम समझा जा सकता है।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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