सुषमा स्वराज के मुताबिक पाकिस्तान में स्थित जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को यूएन सुरक्षा परिषद् में वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत के समक्ष अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन है। मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची में न शामिल न होने पर आलोचकों ने इसे भारत की कूटनीतिक हार कही थी।
साल 2009 में अकेले, 2019 में दुनिया साथ
I wish to apprise you of the facts regarding listing of Masood Azhar under the United Nations Sanctions Committee. The proposal has been mooted four times. /1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
In 2009, India under the UPA Government was the lone proposer. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
सुषमा स्वराज ने कहा कि “मैंने आपके साथ तथ्य साझा किये थे। जो इसे कूटनीतिक विफलता बता रहे हैं उन्हें पहले खुद को देख लेना चाहिए। साल 2009 में भारत अकेला था और साल 2019 में हमारे पास वैश्विक समुदाय का साथ है। साल 2009 में यूपीए सरकार ने अकेले इस प्रस्ताव को प्रस्तावित किया था। साल 2016 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भारत का साथ निभाया था। साल 2017 में फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने यह प्रस्ताव प्रस्तावित किया था।”
I have shared these facts with you so that leaders who describe this as our diplomatic failure may see for themselves that in 2009, India was alone. In 2019, India has the world wide support. /7
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
उन्होंने कहा कि “यूएन सुरक्षा परिषद् के 15 में से 14 सदस्य इस प्रस्ताव के समर्थन में थे। साल 2019 में इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस ने प्रस्तावित किया और 15 में 14 सदस्यों ने इसका समर्थन किया था। साथ ही इटली,जापान, ऑस्ट्रेलिया और बंगलदेश जैसे गैर सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया था।”
मसूद को बचा ले गया चीन
Thus, we have secured an unprecedented support from the international community for listing of Masood Azhar under the UN Sanctions Committee. /6
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
In 2019, the proposal was moved by USA, France and UK and supported by 14 of the 15 UN Security Council Members and also co-sponsored by Australia, Bangladesh, Italy and Japan – non members of the Security Council. /5
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
In 2017, USA,UK and France moved the proposal. /4
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
In 2016, India's proposal was co-sponsored by USA, France and UK. /3
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 15, 2019
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 मिराज और 200 लड़ाकू विमानों से आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया है। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकवादियों के ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था। यह चौथी दफा है जब चीन ने तकनीकी आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया हैं। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। भारत ने इस मसौदे पर निराशा व्यक्त की है, लेकिन आतंकी सरगना को न्याय के कठघरे में खड़ा करने के लिए सभी उपयुक्त मार्गों को इस्तेमाल करने की बात कही है। जो हमारे नागरिकों पर आतंकी हमला करता रहा है।