भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् के सदस्यों के समक्ष जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर द्वारा जिहाद का प्रचार करते हुए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग बतौर सबूत पेश की है। इस सबूत के मुताबिक मसूद अज़हर जिहाद का प्रचार करता है और कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में लिप्त है।
14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 सैनिकों की मृत्यु हो गयी थी। यूएनएससी के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव रखा था। जिसके तहत अज़हर पर सख्त प्रतिबन्ध लगाए जायेंगे।
भारत की कार्रवाई
भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा के बालाकोट में जेईएम द्वारा संचालित मदरसों पर एयरस्ट्राइक की थी। इसके अगले दिन पाकिस्तान ने भी भारत अधिकृत कश्मीर पर बम गिराए थे।
चीन ने तीन बार मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने पर अड़ंगा लगाया है। संयुक्त राष्ट्र नें जैश-ए-मोहम्मद को साल 2001 में वैश्विक अन्तराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। भारत के मुताबिक यूएन में मसूद अज़हर को बचाने वाला मात्र चीन ही है। मसूद अज़हर को 13 मार्च को यूएन वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कर देगा यदि कोई सदस्य इस पर आपत्ति दर्ज नहीं करेगा।
मसूद अज़हर को आतंकी सूची में शामिल करने की कोशिश
साल 2009 में भारत ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। साल 2016 में भारत ने ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस के साथ यूएन में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में रखने के लिए प्रस्ताव रखा था। साल 2017 में तीन स्थायी सदस्यों ने ऐसा ही प्रस्ताव रखा, हालाँकि चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया था।
दिसंबर 1999 में अटल बिहारी वाजपयी सरकार के कार्यकाल में मसूद अज़हर को रिहा कर दिया गया था। इसके साथ ही मुश्ताक़ अहमद ज़रगर और ओमर शेख को भी रिहा किया गया था। इन आतंकियों की रिहाई हाईजैक इंडियन एयरलाइन फ्लाइट IC-814 के यात्रियों के बदले की गयी थी।
चीन और पाक की स्थिति
भारत के वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने बताया कि “चीन और पाकिस्तान अकसर बहस करते है कि मसूद अज़हर और जेईएम का कोई नाता नहीं है। इसलिए हमने यूएन में उनकी आशंका को दूर करने के लिए सबूत मुहैया किया है। यह पहली बार है कि हम दिखा रहे हैं कि मसूद अज़हर सक्रिय है और भारत के खिलाफ हिंसक चरमपंथ वाले भड़काऊ बयान दे रहा है।”
जैश के सरगना ने कश्मीर में मारे गए चरमपंथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि “भारत के सभी मुस्लिमों की आजादी के साथ ही कश्मीर को भी जल्द ही स्वतंत्रता मिल जाएगी।” मसूद अज़हर ने यह बयान 5 फरवरी को दिया था।
मसूद अज़हर का बयान
इस ऑडियो में अज़हर ने अफगानिस्तान में अमेरिका की उपस्थिति की तुलना कश्मीर में भारत से की थी। उसने कहा था कि “अफगानिस्तान में अमेरिका बातचीत के लिए आया, भारत भी अगले कश्मीरी एकजुटता दिवस तक वार्ता के लिए गिड़गिड़ाएगा। अगर कश्मीर के सभी मुस्लिम भारत के खिलाफ हो जाएं, तो एक माह में ही जीत हासिल हो जाएगी।”
महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि जहां तक मेरी जानकारी है, मसूद अजहर पाकिस्तान में ही हैं। उन्होने कहा कि लेकिन वह इतना बीमार है कि घर से बाहर भी नहीं निकल सकता है। मसूद अजहर पर कार्रवाई के बाबत कुरैशी ने कहा कि पाक इस मामले में कदम भी उठा सकता है। मसूद अजहर की गिरफ्तारी के बाबत उन्होंने कहा कि अगर उसके खिलाफ सबूत मिलता है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।
जून, 2014 में जैश को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिकी विभाग ने हफ़ीज़ सईद को विशेष वैश्विक आतंकी करार दिया था। साथ ही साल 2012 में हाफिज सईद पर एक करोड़ डॉलर की इनामी राशि भी रखी थी। दिसंबर 2008 में हाफिज सईद को यूएन सिक्योरिटी कॉउन्सिल रेसोलुशन 1267 के तहत आतंकी घोषित किया गया था। नवंबर 2017 में हफ़ीज़ सईद को पाकिस्तान आवास नज़रबंदी से मुक्त कर दिया गया था।