संयुक्त राष्ट्र ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल कर दिया है। अमेरिका में नियुक्त पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने शनिवार को कहा कि “मसूद अज़हर के मामले से अमेरिका और पाकिस्तान के सम्बन्धो पर कोई असर नहीं होगा।”
दुनिया न्यूज़ के हवाले से उन्होंने कहा कि “हम अमेरिका एक साथ अच्छे सम्बन्ध चाहते हैं। हम एक मज़बूत साझेदारी करने के इच्छुक है। यह कदम किसी को खुश करने के लिए नहीं उठाये गए हैं बल्कि अपनी जरुरत के मुताबिक उठाये हैं। यह अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा।”
यह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत थी कि बुधवार को यूएन में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल कर दिया गया था। इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने प्रस्तावित किया था हालाँकि चीन ने इस पर तकनीकी कारणों से रोक लगा दी थी।
बुधवार को चीन ने अमेरिकी प्रस्ताव से आपत्ति हटा ली थी और इसके साथ ही मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल कर दिया गया था। यूएन ने तत्काल सभी देशो को इस प्रस्ताव को अमल में लाने के आदेश दिए थे। चीन पिछले 10 सालो से इस मसौदे पर अड़ंगा डाल रहा था।
यूएन ने वैश्विक आतंकी की सूची में मसूद अज़हर के शामिल होने का स्वागत किया था और पाकिस्तान से उसकी सरजमीं पर पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। यूएन ने पी-3 देशों द्वारा प्रस्तावित किया गया यह दूसरा प्रस्ताव था।
14 फरवरी को भारत के जम्मूकश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला किया गया था जिसमे 44 जवानो की मौत हो गयी थी और इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी। इस हमले के कुछ दिन बाद ही पी-3 राष्ट्रों ने पहला प्रस्ताव यूएन में प्रस्तावित किया था।