चीन ने पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने के लिए दोबारा अपना पुराना राग अलापा है और इस मसले के समाधान के राजनीतिक परामर्श का मशविरा दिया है। हाल ही में चीन ने यूएन में इस प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया था।
चीनी विदेश विभाग ने कहा कि “इस मसले पर राजनीतिक प्रगति हासिल हो रही है। मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने के मसले का समर्थन करते हैं। इस मामले को 1267 कमिटी के तहत राजनीतिक परामर्श से सुलझाना होगा। हमारे ख्याल से इस प्रस्ताव पर परिषद् के अधिकतर सदस्यों की आम सहमति भी जरुरी है।”
उन्होंने कहा कि “इससे सम्बंधित चर्चा अभी जारी है, जो 1267 कमिटी के ढाँचे के मुताबिक है। इसमें सकारात्मक प्रगति हासिल हुई है। हम सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों पर यकीन करते हैं। इस समस्या का पूर्ण रूप से समाधान हो सकता है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने 20 अप्रैल अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल करने के बाबत चीन की यात्रा की थी। 13 मार्च को चीन ने चौथी दफा यूएन में इस प्रस्ताव पर तकनिकी रोक लगा दी थी। यूएन सुरक्षा परिषद् में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल करने के लिए ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस ने प्रस्ताव रखा था।
इसके एक दिन बाद ही बीजिंग ने इस प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी और कहा कि “उन्हें ज्यादा वक़्त की जरुरत है।” चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि “चीन का सभी समबन्धित पक्षों के साथ संपर्क में हैं और इस मसले को जिम्मेदाराना और सतत तरीके से सुलझाना चाहिए।”
मसूद अजहर पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मुहम्मद का सरगना है। इस गुट ने फरवरी में जम्मू एवं कश्मीर में हुए आत्मघाती बम धमाके की जिम्मेदारी ली जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हुए थे।