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मसूद अज़हर

चीन ने शुक्रवार को कहा कि “उस पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाना गलतहै क्योंकि उसने जैश ए मोहममद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल होने से बचाया था। यह निर्णय आतंक रोधी पैनल के नियमों के आधार पर है।

माइक पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि “चीन को मुस्लिमों पर अपना अत्याचार खत्म करना चाहिए। मुस्लिमों के प्रति चीन के शर्मनाक रवैये को वैश्विक समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा। एक तरफ चीन अपने मुल्क में 10 लाख उइगर मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रहा है और वही दूसरी तरफ वह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूह को यूएन के प्रतिबंधों से बचाता है।”

चीन ने चौथी दफा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल होने से बचा लिया था। कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी जेईएम के आतंकी समूह ने ली थी। इस हमले में 40 सैनिकों की मृत्यु हुई थी।

अमेरिका का नाम लिए बगैर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “अगर एक निश्चित देश टेक्निकल होल्ड लगाने के कारण हम पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाएगी, इसका मतलब यह है कि जो देशतकनीकी होल्ड लगाएगा, वह सबसे अधिक आतंकियों का पनाहगार होगा। अगर इसका तुक बनता है तो हम कह सकते हैं कि जिस देश ने सबसे अधिक तकनीकी होल्ड लगाए हैं वह आतंकियों का सबसे बड़ा पनाहगार है।”

उन्होंने कहा कि “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में तकनीकी होल्ड समिति के नियमों के आधार पर लगाए जाते हैं। चीन ने सबसे अधिक तकनीकी होल्ड नहीं लगाए हैं।” गेंग शुआंग ने कहा कि “तकनीकी होल्ड लगाने के पीछे के कारण का विश्लेषण करने का समय चल रहा है। चीन सूची से सम्बंधिन सभी पक्षों के साथ करीबी से बातचीत कर रहा है। जैसे मैंने कई बार कहा है, हम कमिटी की चर्चाओं में हम जिम्मेदार और रचनात्मक तरीके से हिस्सा लेंगे।”

बीजिंग ने गुरूवार को इस कदम को लेकर चेतावनी दी थी और कहा कि सावधनी से कार्य करे क्योंकि उसके क्योंकि उनके कृत्य मसले को जटिल बना सकते हैं।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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