Thu. Nov 7th, 2024
    चीनी राष्ट्रपति

    जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचाने के लिए चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर दिया था। इसके बाद अमेरिका ने भी चीन को अन्य कार्रवाई करने की धमकी दी है। यूएन सुरक्षा परिषद् की बैठक में अमेरिकी राजदूत ने चेतावनी देते हुए कहा कि “चीन के इस कदम से दुसरे देशों को अन्य एक्शन लेने के लिए मज़बूरन विचार करना पड़ सकता है।”

    अन्य कार्रवाई के लिए मज़बूर न करें चीन

    अमेरिकी की और से सख्त सन्देश में राजनयिक ने कहा कि “अगर बीजिंग आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान या अन्य राष्ट्रों के आतंकियों को नहीं बचाना चाहिए। अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह चौथी दफा है जब चीन ने ऐसा कदम उठाया है। चीनी समीति को वह कार्य करने से नहीं रोकना नहीं रोकना चाहिए जो यूएन की समीति ने करने के लिए सौंपा हैं।

    china message
    चीन द्वारा मसूद अजहर को बचाने के लिए दी गई सफाई

    उन्होंने कहा कि यदि चीन अड़ंगा लगाता रहा तो अन्य देशों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो कतई सही नहीं होगा। पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाले जैश ए मोहम्मद का सरगना पर एक बार फिर चीन मेहरबान हुआ है। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।

    प्रस्तव खारिज होने का अफ़सोस है

    विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि “आईएसआईएल और अलकायदा सेंक्शन कमिटी का नो ऑबजेक्शन पीरियड यानि विरोध करने की समयसीमा 13 मार्च को खत्म हो गई थी। लेकिन इसमें मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी सूची में डालने का हमारा मकसद पूरा नही हो सका क्योंकि एक सदस्य ने इस पर अडंगा लगा दिया है।

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हम इस परिणाम से नाखुश हैं। विदेशी समुदाय द्वारा जैश ए मोहम्मद के सरगना को आतंकी सूची में शामिल करने को रोकना है। जैश ए मोहम्मद एक सक्रिय और प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जिसने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *