Mon. Dec 23rd, 2024
    भारत में चीनी राजदूत

    भारत में स्थित चीनी दूतावास के राजदूत लुओ जहोजुइ ने रविवार को कहा कि “वह बेहद आशावादी है कि जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने का मसला जल्द ही सुलझ जायेगा और उनके मुल्क ने सुरक्षा परिषद् के समक्ष सिर्फ एक तकनीकी रोक लगाई है।”

    एएनआई से बातचीत में चीनी राजदूत ने कहा कि “हम इस मसले को समझते हैं और पूरी तरह इस पर यकीन रखते हैं। हम भारत की चिंताओं को समझते हैं और आशावादी है कि जल्द ही यह मसला सुलझ जायेगा। यह सिर्फ एक टेक्निकल होल्ड है जिसका मतलब है कि हमें चर्चा के लिए थोड़ा अधिक वक्त चाहिए। मुझ पर यकीन कीजिये, यह जल्द ही सुलझ जायेगा।”

    उन्होंने कहा कि “वहां सम्मलेन के बाद द्विपक्षीय सहयोग तीव और उचित ट्रैक पर था। हम उस सहयोग से बेहद संतुष्ट हैं और मैं भविष्य के सहयोग पर आशावान हूँ।”

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था। यह चौथी दफा है जब चीन ने तकनीकी आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया हैं। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।

    इसके बाद चीन ने कहा कि “मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची पर शामिल करने के आग्रह पर व्यापक और गहरी समीक्षा की जा रही है। वह सम्बंधित पक्षों के साथ इस समस्या के समाधान के लिए संपर्क करेंगे अगर यह जिम्मेदाराना रवैये और निरंतरता से हल किया जायेगा।”

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने पत्रकारों से कहा कि “यूएन सुरक्षा परिषद् की 1267 कमिटी ने किसी आतंकी संगठन और व्यक्ति को वैश्विक सूची में शामिल करने के लिए एक मानदंड तय कर रखा है। इस सूची में शामिल करने के आग्रह पर चीन व्यापाक और गहरी समीक्षा कर रहा है। हमें अभी अधिक समय की जरुरत है। इसलिए हमने इस पर टेक्निकल होल्ड लगा दिया था।”

    उन्होंने कहा कि “यह प्रक्रिया 1267 कमिटी के नियमों का अनुपालन करता है। हमें उम्मीद है कि समिति उपयुक्त कदम उठाएगी ताकि चिंतित देश बातचीत और चर्चा के जरिये इस मसले को सुलझा सके और क्षेत्रीय स्थिरता और शान्ति के लिए जटिल घटकों को दरकिनार कर सके। चीन सभी सम्बंधित पक्षों से जिम्मेदाराना और रचनात्मक तरीके से संपर्क और बातचीत जारी रखेगा ताकि मसले का समाधान हो सके।”

    चीनी प्रवक्ता ने कहा कि “यूएन में टेक्निकल होल्ड लगाने के पीछे चीन का मकसद कमिटी को इसकी समीक्षा  समय मुहैया करना था। यह मतभेदों को कम करेगा और क्षेत्रीय स्थिरता जो कायम रखेगा। अगर इस मसले का हल मूल रूप से चाहिए तो हमें सीए समाधान की जरुरत है जिस पर सब राज़ी हो। चीन भारत सहित सभी सम्बंधित पक्षों के साथ इस मसले के हल के लिए बातचीत जारी रखेगा।”

    भारत ने इस मसौदे पर निराशा व्यक्त की है, लेकिन आतंकी सरगना को न्याय के कठघरे में खड़ा करने के लिए सभी उपयुक्त मार्गों को इस्तेमाल करने की बात कही है। जो हमारे नागरिकों पर आतंकी हमला करता रहा है।

    इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हम इस परिणाम से नाखुश हैं। विदेशी समुदाय द्वारा जैश ए मोहम्मद के सरगना को आतंकी सूची में शामिल करने को रोकना है। जैश ए मोहम्मद एक सक्रिय और प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जिसने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।”

    अमेरिका की और से सख्त सन्देश में राजनयिक ने कहा कि “अगर बीजिंग आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान या अन्य राष्ट्रों के आतंकियों को नहीं बचाना चाहिए। अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह चौथी दफा है जब चीन ने ऐसा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यदि चीन अड़ंगा लगाता रहा तो अन्य देशों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो कतई सही नहीं होगा।

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *