Sat. Nov 23rd, 2024
    मसूद अज़हर

    नई दिल्ली, 3 मई (आईएएनएस)| पाकिस्तानी आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंध की राह में रोड़ा अटकाते रहे चीन ने, भारत सहित कुछ देशों द्वारा सामूहिक रूप से उपलब्ध कराए गए तथ्यात्मक और पर्याप्त सबूत के बाद अपनी तकनीकी रोक हटा ली, जिसके कारण मसूद को प्रतिबंधित किया जा सका।

    सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुई, लेकिन उन्होंने इसकी तह में जाने से इनकार कर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1,267 प्रतिबंध समिति के प्रस्ताव में आतंकी हमले का उल्लेख क्यों नहीं हुआ।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के संबंध में सूत्रों ने बताया, “पुलवामा से संबंध बिल्कुल स्पष्ट है, क्योंकि प्रक्रिया (अजहर पर प्रतिबंध लगाने की) आतंकी घटना के बाद शुरू हुई।”

    उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दरअसल अजहर पाकिस्तान में है, इसलिए उसे यूएनएससी के प्रस्ताव पर अवश्य अमल करना चाहिए और कथित तौर पर पाकिस्तान फैसले से संतुष्ट है।

    सूत्रों से जब यह पूछा गया कि ऐसा क्या हुआ, जिसके कारण चीन को अपना रुख बदलना पड़ा तो उन्होंने बताया कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित जेईएम से अजहर का सीधा संबंध होने के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्रतिबंध समिति को बाद में प्रदान की गई, जिसके बाद उनको वैश्विक आतंकी की सूची में डालना संभव हुआ।

    चीन पिछले 10 सालों से अधिक समय से मसूद अहजर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में रोड़ा अटका रहा था। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी मार्च में प्रस्ताव पर विचार के समय उसने अपनी तकनीकी रोक लगा दी थी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *