चीन ने पाकिस्तान के आतंकी मसूद अजहर के बाबत कहा है कि बीजिंग ने नई दिल्ली को कई बार इत्तलाह किया है कि लश्कर-ए-तैयबा के सरंगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला प्रमाणों के आधार पर होगा। हाल ही में भारत ने चीन से यूएन में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने के लिए वीटो का इस्तेमाल नहीं करने का अनुरोध किया था।
चीन ने उग्रवादी गुट यूएलएफए के प्रमुख परेश बरुआ को पनाह देने की बात को भी खरिज कर दिया जो प्रमुख भारत में प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि चीन किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे सकता है।
चीनी जनसंपर्क मंत्री जहो खेज्ही भारत यात्रा पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। इस बैठक के दौरान राजनाथ सिंह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाबत बातचीत करेंगे। चीनी विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के मसूद अजहर को आतंकी सूची में डालने के बाबत हम अपना पक्ष कई बार बता चुके हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आतंकी रोधी अभियानों पर चीन सदैव शामिल होता है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हमने हमेशा इस मसले की प्रमाणिकता के आधार पर फैसले लिए हैं।
साल 2016 में सेना के कैंप में हुए हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था और मुंबई में 26/11 के पीछे भी मसूद अजहर का शातिर दिमाग ही था। पाकिस्तान का सगा सहयोगी चीन यूएन में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने के बीच में वीटो का इस्तेमाल करता है। चीन के मुताबिक मसूद अजहर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सरकार किसी अन्य राष्ट्र के आंतरिक मसलों में दखल ने देने के सिद्धांत पर अटल रही है और यह नियम कभी नहीं बदलेंगे। सूत्रों के मुताबिक परेश बरुआ चीन से हथियार और ड्रग्स की तस्करी भारत के उत्तरी पूर्वी इलाकों में करता है।