‘रंग बदलती ओढ़नी’ और ‘चन्द्रगुप्त मौर्या’ जैसे शो से लोकप्रियता हासिल करने वाली यशश्री मसूरकर ने एक नया और विचित्र कदम उठाया है। उन्होंने पिछले साल अपनी गाड़ी बेचकर एक ऑटोरिक्शा खरीद लिया है और उसी से यात्रा करती हैं। उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया-“एक पुरुष-प्रधान समाज में कुछ अलग करना स्वतंत्र और सशक्त है। शुरू में, अन्य ऑटोरिक्शा चालक मुझे प्रतियोगिता के रूप में देखते थे और जब मैं उनसे दिशा-निर्देश मांगती, तो वे दूर हो जाते थे। लेकिन अब, सब ठीक है।”
तो उन्होंने ऑटो का क्यों सोचा? उनके मुताबिक, “मैं पैसे और समय दोनों बचा सकती हूँ, इसलिए मुझे लगा कि यह एक बढ़िया विकल्प था। जब मेरे पास गाड़ी थी, तो मैंने एक ड्राइवर को काम पर रखा था क्योंकि मुझे गाड़ी चलाना नहीं आता और अगर किसी दिन वह नहीं आता तो मैं असहाय महसूस करने लगती थी। इसलिए, मैंने गाड़ी को छोड़, एक ऑटो चलाने का फैसला किया। मैं हमेशा सामाजिक मानदंडों के हिसाब से नहीं चलती। अगर मेरी आवश्यकता को पूरा करने वाला कोई कम खर्चीला विकल्प है, तो मुझे इस बात की चिंता क्यों होनी चाहिए कि दुनिया मुझे कैसे आंकने वाली है?”
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उन्होंने आगे बताया कि उन्हें ये रिक्शा किसी ने तौफे में दिया था और तभी उन्हें ये विचार आया। उन्होंने याद किया कि एक बार उनका विदेशी दोस्त डेनमार्क से मुंबई आया था। जब उनके दोस्त ने बताया कि वह डेनमार्क से मुंबई साइकिल से डेढ़ सालों में आया है। इससे अभिनेत्री को प्रेरणा मिली। तो उन्होंने भी रिक्शा से आगरा जाने का फैसला किया। जब उनका दोस्त वापस जा रहा था, तब उसने रिक्शा तौफे में दिया।
अभिनेत्री ने बताया कि उन्हें अपने माता-पिता को मनाने में समय लगा था कि उनकी बेटी रिक्शा चलाती है। और जब आखिरकार उनके माता-पिता मान गए तो लोगो से उन्हें मिली-जुली प्रतिक्रिया मिलती थी।
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उन्होंने कहा-“कुछ ने सुझाव दिया कि चूँकि में अभिनेत्री हूँ तो मुझे गाड़ी चलानी चाहिए, कई लोग एक लड़की को रिक्शा चलाते देख हैरान हो गए। कुछ ने सोचा मैंने इसे किराए पर लिया है तो इंडस्ट्री के कुछ दोस्तों ने सोचा कि मैं पागल हो गयी हूँ। लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं स्वनिर्मित व्यक्ति हूँ और अपने दिल की सुनती हूँ।”