विवादास्पस इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर मलेशिया में सार्वजानिक स्थलों पर भाषण देने पर पाबंदी लगा दी है। पुलिस ने सोमवार को यह बयान दिया था मलेशिया के विभाग दो दिनों से नाइक से पूछताछ कर रहे हैं जिसमे हिन्दुओं और चीनी नागरिको के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया गया था।
नाइक भारत में वांटेड हैं और उसे पिछली सरकार ने मलेशिया में स्थायी नागरिकता प्रदान कर रखी है। वह मलेशिया में विगत तीन सालो से रह रहा है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इस पाबन्दी की पुष्टि की है। पुलिस ने कहा कि यह पाबन्दी राष्ट्रीय सुरक्षा के हितो को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है।
पुलिस प्रमुख दातुक अश्मावती अहमद ने बीते दिन कहा था कि “हाँ, ऐसे आदेश सभी पुलिस शाखाओ को दिया गया है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जातीय सामंजस्य के संरक्षण के मद्देनजर किया गया है।”
मलेशिया के प्रधानमन्त्री महातिर मोहमद ने कहा कि “हमें उसे ऐसे भाषणों को देने से रोकने के लिए कार्रवाई करनेकी जरुरत है जो एक दूसरे के प्रति नफरत को बढ़ाएगा। मुझे सार्वजानिक माफ़ी के की मांग के बारे में कुछ मालूम नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यह अधिकतर लोगो के गुस्से को शांत कर सकेगा।”
उन्होंने कहा कि ‘इस मामले की गंभीरता की जांच की जिम्मेवारी हमें पुलिस पर छोड़ देनी चाहिए। नाइक के बयान का के दलों ने विरोध किया था क्योंकि उसने भारत मे मुस्लिमो की तुलना मलेशिया में हिंदुओ से की थी। उसने कहा था कि भारत मे मुस्लिमो के मुकाबले हिन्दू मलेशिया में 100 प्रतिशत से अधिक अधिकारों का लुत्फ उठा रहे हैं ।
वह भारत और बांग्लादेश में आतंकवादी हमलों से जुड़े होने के आरोपो को झेल रहा है। दो आतंकी हमलावरों ने बताया था कि जाकिर नाइक के भाषण से प्रभावित होकर उन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था।
भारत ने बताया कि उन्होंने मलेशिया की सरकार से नाइक के प्रत्यर्पण का आधिकारिक आग्रह किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे। मलेशिया में 60 प्रतिशत नागरिक मुस्लिम है और शेष अल्पसंख्यक भारतीय और चीनी नागरिक है, जिसमे अधिकतर हिन्दू है।