इन दिनों महाराष्ट्र में बहुत राजनैतिक उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा हैl लोक सभा चुनाव सर पर है एवं अगले ही साल राज्य में विधान सभा चुनाव भी होंगे परन्तु उससे पहले भारतीय जनता पार्टी कि मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैl
महाराष्ट्र में इन दिनों देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्त्व में भाजपा और शिव सेना की सरकार हैl परन्तु हाल ही में हुए मराठा आंदोलन से सरकार हिल गई है एवं कमज़ोर हो रही हैl
बता दे कि, हाल ही में मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा बुलाए गए बंद के हिंसक होने और प्रदर्शनों के बीच औरंगाबाद में एक प्रदर्शनकारी की आत्महत्या के बाद इसे वापस बुलाने का फैसला किया गया है।
बीते कुछ वक्त से यह आंदोलन मराठा क्रांति मोर्चे के द्वारा लड़ा जा रहा जिसके तहत वो सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैl
परन्तु सरकार कि मुश्किलों में इजाफा जब हुआ जब मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भारत भाल्के (कांग्रेस) और भाऊसाहब चिकटगांवकर और रमेश कदम (दोनों आईएनसी) ने शुक्रवार को मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश की थीl
एक एक करके पांच विधायकों ने अपने इस्तीफे सरकार को सौंपेl इससे देवेंद्र फडणवीस सरकार हिल गई है एवं सूत्रों कि माने तो पार्टी में अब नेतृत्व को लेकर सुर उठने लग गए है.परन्तु भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक इन सब बातो का खंडन किया हैl
इसी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मराठा आंदोलन को सुलझाने के लिए आज यानी शनिवार को इस मुद्दे पर ऑल पार्टी मीटिंग (सर्वदलीय बैठक) बुलाई थीl
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर काफी चुस्त नज़र आ रही है एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अभी महाराष्ट्र के दौरे पर हैंl इस दौरान वो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैंl