पाकिस्तान की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने सोमवार को लाहौर उच्च अदालत में चौधरी सुगर मिल मामले में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो के अनुसार, मरयम ने अपनी याचिका में धनाशोधन मामले में जमानत को मंज़ूरी देने का आग्रह किया था।
मरयम ने दावा किया था कि एनएबी ने उन्हें नियमो का उल्लंघन कर गिरफ्तार किया था क्योंकि सभी संपत्ति और प्रॉपर्टी का ऐलान कर दिया गया था। साथ ही उन्होंने खुद को राजनीति पीड़ित करार दिया है। वह अभी 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए जेल में हैं।
मरयम को जेल में सी ग्रेड की सुविधाएँ मुहैया करने के लिए पीएमएलएन ने सरकार की आलोचना की है। अकाउंटिबिलिटी में पाकिस्तानी पीएम के विशेष सलाहकार शहजाद अकबर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शरीफ के परिवार ने चौधरी चीनी मिल्स का इस्तेमाल धनाशोधन के लिए और गैर कानूनी तरीके से अपने शेयर को ट्रान्सफर करने के लिए किया था।
जांच के दौरान यह खुलासा किया गया कि चीनी मिल को सेटअप करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का कर्ज लिया गया था जबकि चीनी मिल इससे पहले ही स्थापिय हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि “स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के मुताबिक इसके बाद यह कर्ज कभी सरकार को ट्रान्सफर नहीं किया गया।”
अकबर ने कहा कि “इसके आलावा 70 लाख से अधिक के शेयर मिल के शेयर के जरिये पीएमएनएल की उपाध्यक्ष मरयम नवाज को साल 2008 में ट्रान्सफर किये गए थे, जिसे साल 2010 में युसूफ अब्बास शरीफ को ट्रान्सफर कर दिए गए थे।