Fri. Nov 15th, 2024
    ममता बनर्जी

    देश में अगर इस समय कोई बड़ा मुद्दा चल रहा है तो वह गुजरात विधानसभा चुनाव का है या फिल्म पद्मावती का, लेकिन समय के साथ ऐसा क्यों लग रहा है कि फिल्म पद्मावती विधानसभा चुनावों को पीछे छोड़ मुद्दे की इस दौड़ में काफी आगे निकलती जा रही है। वैसे भारतीय फिल्म इतिहास में ऐसा बहुत कम देखा गया है कि कोई फिल्म इतने विवादों से घिरी हो या पुरे देश में आक्रोश का विषय बन गई हो, खैर अब ऐसा हुआ तो है। आपको बता दें फिल्म को लेकर पूरे देश में सियासत इतनी गरमाई हुई है कि प्रतिदिन नेताओं की प्रतिक्रियाएं, फिल्म के विरोध में प्रदर्शन, फिल्म को बैन करने को लेकर मांग उठना, फिल्म के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करना या फिर फिल्म के निर्देशक या फिल्म में रानी पद्मावती की भूमिका अदा करने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को चेतावनी भरे सन्देश मिलना, फिल्म की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

    आपको बता दें हाल हीं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिल्म पद्मावती के बचाव में उतारते हुए फिल्म को बंगाल में रिलीज़ करने का दावा किया हैं, उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए और ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए हरियाणा के भाजपा नेता राम पाल अम्मू ने कहा कि “राक्षसी प्रवृत्ति की जो महिलाएं होती हैं, जैसे शूर्पणखा थी, शूर्पणखा का इलाज लक्ष्मण ने नाक काट कर किया था, ममता जी इस बात को न भूलें”। नेता जी द्वारा ऐसा पहली बार नहीं कहा हैं उन्होंने पहले भी विवादित बयान देते हुए कहा था कि “जो भी संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर मुझे लाके देगा उसे 10 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा” जिसके बाद उन्हें पार्टी से नोटिस भी जारी कर दिया गया था, पर नेता जी हैं कि मानने का नाम ही नहीं लेते हैं।

    दरअसल, फिल्म पद्मावती भारतीय सभ्यता की अलंकार कहीं जाने वाली वाली रानी पद्मावती और मुग़ल शासक अलाउद्दीन खिलजी के ऊपर आधारित है, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि फिल्म में मनोरंजन दिखाने के लिए इतिहास से छेड़छाड़ की गई है, जिससे पूरे देश में फिल्म को लेकर विरोध हो रहा है, आपको बता दें मध्यप्रदेश, राजस्थान, यूपी और पंजाब सरकार फिल्म की रिलीज पर रोक लगा चुकी है, और गुजरात में भी फिल्म पर रोक लगाने के लिए पूर्ण रूप से प्रयास किए जा रहे हैं।