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    SAUMITRA KHAN

    पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को जबरदस्त झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद और बड़े नेता सौमित्रा  खान बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

    भाजपा नेता और पूर्व तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल रॉय ने ये कह कर ममता बनर्जी की टेंशन और बढ़ा दी है कि 5 और तृणमूल कांग्रेस सांसद भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी के संपर्क में है और लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र पार्टी में शामिल होना चाहते हैं।

    इससे पहले आज, खान ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की, खबरें आने से पहले ही वह भाजपा में शामिल होंगे। खान ने टाइम्स नाउ से कहा कि वह “पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम करना चाहते हैं।” केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा नेता मुकुल रॉय के साथ खड़े, खान ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में “लोकतंत्र” नहीं बल्कि “पुलिस राज” है।

    उन्होंने कहा, “राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं है। लोग मतदान नहीं कर सकते। पुलिस राज है।” 38 वर्षीय नेता ने कहा कि वह कई अन्य युवाओं की तरह पीएम नरेंद्र मोदी पर विश्वास करते हैं, जो ‘राज्य में बदलाव लाएंगे।’

    मंगलवार को खान ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि एक पुलिस अधिकारी उन्हें मारने की कोशिश कर रहा था। खान लोकसभा में बिष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहले राज्य विधानसभा के सदस्य भी थे।

    इसके कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि टीएमसी के लगभग 2,000 जमीनी स्तर के अल्पसंख्यक नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस में शामिल होने वालों में टीएमसी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शकील अंसारी शामिल थे। अंसारी ने टाइम्स नाउ से यह भी कहा कि उनका मानना ​​है कि “टीएमसी में कोई लोकतंत्र नहीं था”।

    रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी इकाई ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठकें की हैं और सुझाव दिया है कि कांग्रेस को टीएमसी के समर्थन के बिना आगामी चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा 19 जनवरी को कोलकाता में “संघीय मोर्चा” रैली में भाग नहीं लेना चाहिए।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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