पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयार होती नजर आ रही हैं। अपनी राजनीति चमकाने और खुद पर हिंदुत्व विरोध के आरोपों को तोड़ने के लिए उन्होंने मंदिरों का रुख करना शुरू कर दिया है। कल भी उन्होंने अपने भाषण में चंडी पाठ का जिक्र किया और खुद को हिंदू बताया। वहीं आज उन्होंने नंदीग्राम में नामांकन से पहले शिव मंदिर में पूजा की और उसके बाद नामांकन दाखिल किया। नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी उनके विरोध में भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं का आमने सामने आना नंदीग्राम सीट को बेहद महत्वपूर्ण बना देता है।
ममता बनर्जी ने शिव मंदिर में पूजा करने के बाद हल्दिया में पैदल मार्च भी किया है। इसके बाद उन्होंने अपनी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि नंदीग्राम उनके लिए नया नहीं है और हमेशा से वे नंदीग्राम में चुनाव लड़ना चाहती थी। साथ ही उन्होंने अपने भाषण के दौरान अपनी सेकुलर छवि को भी पेश किया और कहा कि वे कल अपना घोषणा पत्र जारी करने वाली हैं। आज ही शुभेंदु अधिकारी भी नंदीग्राम पहुंचे और उन्होंने ममता बनर्जी को बाहरी कहा। भाजपा लगातार न ममता बनर्जी को बंगाल में बाहरी बताती नजर आ रही है। शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर कई आरोप भी लगाए हैं।
कांग्रेस और भाजपा में लगातार पोस्टर वॉर भी चल रहा है। ममता और शुभेंदु का आमने सामने आना राजनीतिक रूप से कई मायने रखता है। ममता बनर्जी की नामांकन दाखिल करने की रैली में काफी बड़ा जनसैलाब उमड़ा था। नंदीग्राम सीट अपने राजनीतिक और ऐतिहासिक महीनों में काफी खास है। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 2007 में हुआ आंदोलन भी इसी जगह पर हुआ था और इसी के बाद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में सामने आई थी। ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी दोनों के लिए नंदीग्राम सीट महत्वपूर्ण है। एक तरफ ममता बनर्जी ने जहां नंदीग्राम से अपने सीएम पद को पाया था, वहीं शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस को छोड़ने वाले सबसे पहले नेताओं में से रहे हैं।
ऐसे में दोनों ही लोगों के लिए नंदीग्राम जीतना अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। यहां के धार्मिक समीकरण ने भी ममता बनर्जी को हिंदुत्व की ओर झुक आने पर मजबूर किया है। नंदीग्राम की 70 फ़ीसदी तक आबादी हिंदू है और ममता बनर्जी पर बीजेपी हिंदू विरोधी होने आरोप लगातार लगाती रहती है। साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने ममता को चुनौती भी दी है कि वह 50,000 से ज्यादा वोटों से यदि ममता बनर्जी को नहीं हरा पाते तो वे राजनीति छोड़ देंगे। ममता बनर्जी ने भी इस चुनौती को स्वीकार किया है।
पश्चिम बंगाल का चुनाव यूं तो काफी दिलचस्प होने वाला है लेकिन नंदीग्राम सीट अपने आप में इन विधानसभा चुनावों में काफी दिलचस्पी होगी। ममता बनर्जी अपने पर लगे हिंदू विरोध के आरोपों को काफी पहले नकार चुकी हैं और कुछ समय पहले अपनी रैलियों में उन्होंने अपनी हिंदू छवि बनाने के लिए चंडी पाठ पढ़ा था। लेकिन शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी में चंडी पाठ के मंत्रों का भी गलत उच्चारण किया है। इसका उनकी राजनीति पर असर पड़ेगा और वे चुनाव हार जाएंगी।