कोलकाता, 3 जून (आईएएनएस)| राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य किए जाने से दक्षिणी राज्यों की नाराजगी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि लोगों को अपनी पसंद की भाषा चुनने की आजादी होनी चाहिए और क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हर राज्य का अपना चरित्र और अपनी भाषा है। क्षेत्रीय भाषा हमारी पहली प्राथमिकता है। मैं क्षेत्रीय भाषाओं का समर्थन करती हूं। हमें क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान देना चाहिए। उनके (दक्षिणी राज्य) लिए मेरा समर्थन है।”
ममता ने कहा, “उनके हर मामले में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।”
मानव संसाधन मंत्रालय ने हालांकि सोमवार को मसौदे में सुधार किया। अब यह मसौदा मध्य विद्यालय स्तर के उन छात्रों को कोई आदेश नहीं देता। छात्र पढ़ाई के लिए अपनी पसंद की भाषा चुन सकते हैं।