कोलकाता, 13 जून (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो जूनियर चिकित्सकों पर हमले की घटनाओं की पूरी श्रृंखला की जांच का आदेश दिया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए कर रही है।
ममता ने संवाददाताओं से कहा, “सेवा में सभी बाधाओं के बीच भाजपा इसके बीच हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ले आई है। मैं देख रही हूं कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भी परेशानी बढ़ा रही है। मैं माकपा व भाजपा के बीच की दोस्ती को देखकर हैरान हूं।”
उन्होंने कहा कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की घटनाओं की मुकम्मल जांच होगी।
एनआरएस अस्पताल में मंगलवार सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। ऐसा 75 साल के बुजुर्ग मरीज की सोमवार देर रात मौत हो जाने के बाद परिजनों द्वारा कथित तौर पर जूनियर चिकित्सक को पीटे जाने की वजह से हुआ। मंगलवार सुबह को अस्पताल की नियमित सेवाओं को ठप कर दिया गया।
मृत मरीज के परिवार के सदस्यों ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया। एक इंटर्न परिबाहा मुखर्जी को हमले में सिर में गंभीर चोट आई है और उसे कोलकाता पार्क सर्कस इलाके के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के इंटेनसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने सरकार व पुलिस की कार्रवाई के बाद भी काम बंद रखा। ममता ने इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बताया।
उन्होंने कहा, “भाजपा ऐसा कहकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है कि चिकित्सकों को मुस्लिम मरीजों को नहीं देखना चाहिए और उन्हें सिर्फ भाजपा के मरीजों को देखना चाहिए।”
ममता बनर्जी ने पुलवामा हमले का उदाहरण दिया, जिसमें बहुत से लोग मारे गए लेकिन सेना के अधिकारियों ने यह नहीं कहा कि वे सेवाएं नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह से पुलिस अधिकारी, अग्निशमन कर्मी व चिकित्सक सेवाओं को बाधित नहीं कर सकते।
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि राज्य में अराजकता है, ममता बनर्जी ने कहा, “पश्चिम बंगाल शांतिपूर्ण राज्य है। यह गृह मंत्री अमित शाह हैं जो पार्टी अध्यक्ष हैं। वे अपने कैडरों को भ्रम और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और फेसबुक पर प्रचार के लिए प्रेरित कर रहे हैं।”
ममता बनर्जी ने कहा, “अगर जूनियर चिकित्सकों का एक समुदाय है तो जनता का उससे भी बड़ा समुदाय है। आप क्यों नहीं सोच रहे हैं, अगर जनता नाराज हो गई तो क्या होगा।”
ममता बनर्जी ने चेताया कि अगर सेवा में बाधा जारी रहती है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल की सेवाओं को बाधित करना अपराध है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बिंदु उठाया कि सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित होने वाले चिकित्सक या तो निजी अस्पतालों में या दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल अध्ययन पर डोमेसाइल नीति पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले से ही डोमेसाइल ए कानून लाने के बारे सोचा है, जिससे करीब 20 फीसदी छात्र (बंगाल से) कोर्स में शामिल हो सकेंगे।”