पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में “सुशासन” के हित में राज्यपाल बदलने की मांग की है। यह पत्र सीबीआई द्वारा नारदा घोटाले में सोमवार को दो मंत्री, एक पूर्व मंत्री और बंगाल के पूर्व मेयर सहित तृणमूल के चार नेताओं को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद आया है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार के खिलाफ एक जंग छेड़ दी है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जब से कार्यभार संभाला है तब ही से वह तृणमूल सरकार के निशाने पर हैं।
मंगलवार को भेजे गए बनर्जी के पत्र में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल धनखड़ चुनाव के बाद से पश्चिम बंगाल में हिंसा को बढ़ा-चढ़ा कर बता रहे हैं। पत्र में यह भी लिखा गया है कि राज्यपाल की तरफ से यह सब बंगाल में कानून और व्यवस्था की एक ध्वस्त छवि दिखाने की कोशिश की जा रही है। ममता बनर्जी ने पत्र में यह लिखा कि इस बात को भी अनदेखा किया जा रहा है कि घटनाएं तब हुई जब प्रशासन का नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं था और स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और प्रशासन कोविड से लड़ने में व्यस्त है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दे को उठाकर और सार्वजनिक डोमेन में इसके बारे में ट्वीट करके धनखड़ “सभी सीमाएं पार” कर रहे थे। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर यह भी आरोप लगाया गया कि वह उस समय सरकार के कामकाज को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे जब समय की जरूरत कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों पर लगी हुई थी।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों से पता चला है कि पार्टी राज्यपाल को हटाने की मांग को लेकर विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर विचार कर रही है। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाते हुए कहा कि “वह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से कानून और व्यवस्था को गंभीर रूप से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं”।
लेकिन राजभवन के सूत्रों ने किसी और ही इशारा करते हुए तृणमूल के आरोपों को खारिज किया। एक अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल प्रशिक्षण से एक वकील थे और वह अपनी शक्तियों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से जागरूक है। उन्होंने कानून-व्यवस्था के बिगड़ने पर वाजिब चिंता जताई थी।
हाल ही में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारदा घोटाले में शामिल नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी थी।