अनुभवी मुक्केबाज मनोज कुमार ने आरोप लगाया है कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने एशियाई खेलों के दौरान लगी चोट का इलाज करने के लिए वित्तीय सहायता के लिए उनकी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया, एक आरोप जिसे एसएआई ने अस्वीकार कर दिया और अपनी फिटनेस मुद्दों को छिपाने का आरोप लगाया।
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को लिखे पत्र में, तीन बार के राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता कोच राजेश राजाउंड, जो उनके बड़े भाई भी हैं, ने कहा है कि साई ने अनुस्मारक के बावजूद कमर में चोट से निपटने में सहायता के लिए उनके अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
राजाउंड ने पत्र में कहा, “संबंधित अधिकारी जानबूझकर मामले में राजनीति खेल रहे हैं और मैं आपसे एक संबंधित खेल मंत्री के रूप में अनुरोध करता हूं, कि एक तत्काल जांच शुरू की जाए … मैं आपसे अनुरोध करता हूं, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं कि वह तत्काल और उचित चिकित्सा प्राप्त करें।”
मनोज एशियन गेम्स के बाद इंजरी के कारण किसी भी प्रतियोगिता में भाग नही ले पाए है और उनका नाम इस साल की नेशनल केम्पर्स की लिस्ट में भी शामिल नही है।
आगे उन्होने कहा, ” सभी मेडिकल रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से और TOP (लक्ष्य ओलंपिक पोडियम) योजना के अधिकारियों को 10 सितंबर, 2018 को भेजी गई थी। अस्पताल द्वारा उल्लिखित उपचार की अनुमानित लागत 5,30,400 रुपये है। हालांकि, सभी मेडिकल रिपोर्ट भेजने के बाद भी, मुझे संबंधित अधिकारियों से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।”
साई ने एक अधिकारी को नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई से बात करते हुए कहा कि पूर्व एशियाई पदक विजेता और ओलंपियन की आर्थिक रूप से सहायता की गई है, लेकिन वह अपनी चोटों के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं।
अधिकारी ने कहा था, ” मनोज सीनियर मुक्केबाज है और उन्हे उस दौरान पूरा समर्थन दिया गया था, जब वह टाप्स की लिस्ट में थे। उनका इलाज मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में चल रहा है जहां उनका पूरा खर्च सरकार उठा रही है। लेकिन जब एक बार उनको जब टापस् की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है तो हम उनका ठीक तरीके से समर्थन नही कर पाएं।”