मध्य प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना की एक बड़ी सौगात देने जा रही है। इस योजना में कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा होगी और इससे साढ़े बारह लाख सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लाभान्वित होने की संभावना है।
राज्य की कमलनाथ सरकार कर्मचारी, युवा और किसानों के लिए कई योजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है। इसी के तहत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है, अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है और अब स्वास्थ्य बीमा योजना को अस्तित्व में लाने की तैयारी है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित योजना से लगभग 7़5 लाख सेवारत तथा लगभग पांच लाख सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों तथा उनके परिवारों को सामान्य रूप से पांच लाख रुपये तक तथा गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपये तक कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार, विभिन्न निगम-मंडलों सहित संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बीमा की प्रीमियम राशि का निर्धारण सेवारत शासकीय सेवक के ‘पे बैंड’ के अनुसार तथा सेवानिवृत्त शासकीय सेवक की पेंशन राशि के अनुसार होगा। मासिक प्रीमियम अंशदान राशि न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1000 रुपये होगी, जो शासकीय सेवक के वेतन से कटेगी।
सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने बताया है, “प्रस्तावित इस योजना में प्रत्येक सेवारत एवं सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें चयनित नेटवर्क हस्पिटल्स में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से बीमा कंपनी द्वारा सीधे अस्पताल को वास्तविक भुगतान किया जाएगा। एक्सीडेंट अथवा अन्य आपातकालीन मामलों में इम्पेनल्ड हॉस्पिटल्स के अलावा अन्य हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से रैफर कराने का प्रावधान भी किया जा रहा है।”
डॉ. गोविंद सिंह ने बताया, “योजना में इलाज एवं ऑपरेशन के व्यय के अलावा 10 हजार रुपये तक ओ़ पी़ डी़ व्यय देने का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा ऑपरेशन, इलाज के बाद चलने वाली दवाओं पर होने वाले खर्च तथा ब्लड प्रेशर एवं शुगर जैसी बीमारियों की दवाओं का खर्च भी दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।”