Sat. Dec 21st, 2024

    मध्य प्रदेश की स्कूली शिक्षा की स्थिति पर सरकार से लेकर समाज का हर वर्ग चिंतित है। जहां एक ओर परीक्षाओं के नतीजे सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं, वहीं बच्चों के शिक्षा स्तर में भी सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। अब इसी संदर्भ में राज्य के शिक्षकों ने ही एक हजार विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने का संकल्प लिया है।

    राज्य के शिक्षकों को लेकर आम आदमी की धारणा बन चुकी है कि वे वेतन-भत्तों सहित अपनी मांगों को लेकर ही लड़ाई लड़ते आए हैं। मगर राज्य के शिक्षक संघ ने अपनी इस छवि को सुधारने के लिए राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की मुहिम चलाने का संकल्प लिया है।

    इसके लिए संघ ने सरकार और प्रमुख सचिव (स्कूल शिक्षा विभाग), आयुक्त और संचालक को लिखित में कहा है कि वे वर्ष 2020 में प्रदेश के 1000 स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाएंगे।

    संघ के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश यादव के अनुसार, संघ ऐसे स्कूलों की सूची विभागीय अधिकारियों को भी सौंप रहा है, जिन्हें वह उत्कृष्ट बनाएगा।

    उन्होंने कहा, “प्रदेश के अध्यापकों के प्रमुख संघ राज्य शिक्षक संघ ने इस बाबत संकल्प लिया है और इसके लिए संघ की ओर से सरकार और विभाग से कोई अतिरिक्त सुविधा भी नहीं ली जाएगी।”

    संघ के प्रदेश अध्यक्ष यादव ने विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने की कार्ययोजना का जिक्र करते हुए कहा, “प्रत्येक विकासखंड स्तर पर स्कूलों का चयन किया जाएगा, चयनित स्कूल और उसमें पढ़ने वाले छात्रों को प्राप्त भौतिक संसाधनों का आकलन किया जाएगा, उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्ति में कौन-सी बात बाधक बन रही है, उसे लिपिबद्घ किया जाएगा।”

    कार्ययोजना के अनुसार, जिस गांव की शाला को उत्कृष्ट बनाना है, वहां पढ़ने वाले बच्चों के पालकों और गांव के अन्य गणमान्य नागरिकों की एक सार्वजनिक बैठक स्कूल प्रांगण में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में शिक्षक विद्यालयों को उत्कृष्ट शाला और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के अपने संकल्प को सभी के समक्ष रखेंगे।

    इस अभियान में ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जाएगा। बच्चों का विकास कैसे हो, उनकी समस्याओं का निपटारा कैसे हो, इस पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए गांव के शिक्षित जनों का सहयोग लिया जाएगा। वे छात्रों के अध्यापन में मदद कर सके और कॉपी-पुस्तकें देकर सहयोग कर सके, इसके लिए उन्हें भी तैयार किया जाएगा।

    संघ के प्रांताध्यक्ष यादव ने कहा, “आज तक हमने वेतन-भत्तों के लिए बहुत संघर्ष किया। अब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज से पूरे मनोयोग से ऐसा करना चाहते हैं।”

    उन्होंने आगे कहा, “इसके लिए शुरुआत में एक हजार शासकीय स्कूलों को उत्कृष्ट बनाने का लक्ष्य लेकर हम चल रहे हैं।”

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