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    कांग्रेस व बीजेपी

    मध्य प्रदेश में 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के मुस्लिम समुदाय में निराशा का माहौल है। प्रदेश का मुस्लिम समुदाय प्रदेश की राजनीति में खुद के लिए और अधिक महत्त्व और स्थान की अपेक्षा रखता है।

    मध्य प्रदेश के 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने बस एक मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है। भोपाल (नॉर्थ) से भाजपा ने फातिमा सिद्दीकी को टिकट दिया है।

    फातिमा मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी है। जबकि कांग्रेस ने 3 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने भोपाल (नॉर्थ) से निवर्तमान विधायक आरिफ अकील को, बुरहानपुर से हामिद हाजी को और भोपाल (सेंट्रल) से आरिफ मसूद को अपना उम्मीदवार बनाया है।

    मध्यप्रदेश मुस्लिम विकास परिषद के संयोजक मोहम्मद महिर ने कहा कि मुसलमानों को बीजेपी से कुछ उम्मीदें थीं, जिन्होंने 1993 से अब तक केवल तीन मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है (सभी तीन हार गए)। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें कांग्रेस से भी बहुत उम्मीदें थी। उन्होंने कहा कि ‘हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस हमें उचित प्रतिनिधित्व देगी लेकिन कांग्रेस के रवैये से हमें निराशा हुई है।’

    मध्य प्रदेश में कांग्रेस पिछले 15 सालों के भाजपा शासन को उखाड़ने की कोशिश में है।

    राजनितिक विश्लेषकों के अनुसार राज्य की 7.8 करोड़ की आबादी में 8 से 9 फीसदी मुस्लिम आबादी है लेकिन विधानसभा में उनके समुदाय का बस एक नुमाइंदा है। 2013 में कांग्रेस ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतरा था जबकि भाजपा ने सिर्फ एक उम्मीदवार आरिफ बेग को भोपाल (नॉर्थ ) से मैदान में उतारा था जो कांग्रेस के उम्मीदवार आरिफ अकील से हार गए थे।

    2008 में कांग्रेस ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिसमे में सिर्फ एक उम्मीदवार को जीत मिली थी। भोपाल के अधिवक्ता साजिद अली कहते हैं कि ‘हम मुस्लिमो का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुस्लिम को ही चाहते हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर का कोई मुस्लिम नेता नहीं है जो हमारा प्रतिनिधित्व कर सके। इसके लिए हम कांग्रेस को दोषी ठहराते हैं जिसे हमने हमेशा समर्थन दिय। लेकिन कांग्रेस के साथ साथ हम खुद भी जिम्मेदार हैं।

    कांग्रेस पर संदेह का कारण प्राकृतिक है। कांग्रेस ने हाल ही में मध्य प्रदेश पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के पद की घोषणा की – उनमें से कोई भी मुसलमान नहीं था।

    महिर कहते हैं, ‘यह सब तथाकथित सॉफ्ट-हिंदुत्व के कारण है जहां कांग्रेस नेता अपनी कपड़ों के ऊपर पर अपना धर्म पहने हुए हैं।’

    कांग्रेस नेता आरिफ मसूद कहते हैं कि “जबकि यह सच है कि बीजेपी ने मुसलमानों के बीच कुछ जगह बनाया है, लेकिन फिर भी वे संदेह के घेरे में हैं।

    माहिर के सॉफ्ट हिंदुत्व वाले बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया कहते हैं ‘यहाँ सॉफ्ट हिंदुत्व नाम की कोई चीज नहीं है। टिकट उन्हें ही दिया गया है जिनमे जितने की क्षमता है।’

    मध्य प्रदेश विधानसभा में मुस्लिमो के एकमात्र प्रतिनिधि और 4 बार के कांग्रेस विधायक अकील कांग्रेस से मुस्लिमो के टिकट के मुद्दे पर अधिक साकारात्मकता से बात करते हैं। अकील कहते हैं कि 9 सीटें ऐसी हैं जहाँ से मुस्लिम आबादी कुल आबादी का 50 फीसदी है और 10 सीट ऐसे हैं जहाँ हमारी आबादी 40,000-50,000 के बीच है और वहां हम निर्णायक वोटर हैं।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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