मध्यप्रदेश में यूरिया खाद की कमी की आ रही शिकायतों ने राज्य की सियासत को गरमा कर रख दिया है। भाजपा का आरोप है कि सरकार कालाबाजारी करने वालों पर लगाम नहीं लगा पा रही। दूसरी ओर, राज्य सरकार किसानों को हर हाल में यूरिया उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, साथ ही इस खाद की आपूर्ति बढ़ाने की बात भी कही है।
राज्य में पिछले कुछ दिनों से कई हिस्सों में किसानों को यूरिया खाद आसानी से न मिलने की बात सामने आई। कई जिलों को अपनी मांग के मुताबिक, खाद का आवंटन नहीं किया गया है। इस कारण यूरिया खाद पाने के लिए किसानों को कई-कई घंटे कतार में लगने को मजबूर होना पड़ा है। खाद की समस्या का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि देवास जिले के खातेगांव में तो खाद का वितरण थाने से करना पड़ा है।
भाजपा नेता व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस राज में फिर से प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, “प्रदेश में बंटाधार युग की वापसी हो चुकी है। यूरिया के लिए किसानों को पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे हैं। जिलों में यूरिया के लिए झड़प की घटनाएं सामने आ रही हैं। किसानों को यूरिया वितरण में कमलनाथ सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है।”
भार्गव ने कहा कि कांग्रेस और कालाबाजारी एक सिक्के के दो पहलू हैं। प्रदेश में जब-जब कांग्रेस की सरकार रही, किसानों को यूरिया की कालाबाजारी से जूझना पड़ता है। किसानों को यूरिया के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। किसानों को यूरिया प्रबंधन करने के बजाय सरकार का तंत्र कालाबाजारी के प्रबंधन में लगा है।
वहीं दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यूरिया संकट की बात को नकारा है। उनका कहना है कि प्रदेश में यूरिया का कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा, “किसान भाई चिंतित न हों, यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार निरंतर प्रयासशील है। हम निरंतर केंद्र सरकार से यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर संवाद व आग्रह कर रहे हैं। प्रदेश के किसान भाइयों को यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। आपूर्ति के हिसाब से यूरिया का वितरण निरंतर किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, पिछले वर्ष के मुकाबले अभी तक ज्यादा मात्रा में यूरिया की उपलब्धता व बिक्री सुनिश्चित की है। देश में किसान भाइयों को यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर व कालाबाजारी रोकने को लेकर पूर्व में ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
राज्य के कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि 30 नवंबर तक अलग-अलग जिलों को 18 रैक यूरिया पहुंच चुकी है। इसके अलावा किसानों को किसी तरह की खाद संबंधी समस्या न आए, इसलिए 48 रैक खाद और मंगाई जा रही है।