मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई द्वारा सोमवार को जारी किया गया विज्ञापन विवादों में आ गया है, क्योंकि इसमें कई ऐसी बातों का जिक्र है, जिस पर भाजपा चुटकी ले रही है, तो वहीं कांग्रेस इसमें साजिश ढूंढ़ रही है। कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी समाचार पत्रों में फुल पेज के विज्ञापन में कमलनाथ को जन्मदिन की बधाई दी गई है। इस विज्ञापन में कमलनाथ को खास बनाने वाली बातों का जिक्र किया गया है।
इन्हीं खास बातों ने विवाद का रूप ले लिया है। विज्ञापन में कहा गया है, “वर्ष 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था। कमलनाथ उस समय मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे। अब दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।”
इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपने चार दशक के राजनीतिक जीवन में मिली एक हार का भी जिक्र है, जिसमें कहा गया है, “छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का भी सामना करना पड़ा था। उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी।”
इस विज्ञापन में एक और विवादित बात है, जो आपातकाल के बाद हुए सत्ता बदलाव के बाद की है। विज्ञापन में कही गई खास बातों के मुताबिक, “आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था। तब इंदिरा गांधी संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं। कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ पड़े और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था। वहां वह संजय गांधी के साथ ही रहे।”
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस विज्ञापन पर भाजपा चुटकी ले रही है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत ने समाचार पत्र के विज्ञापन को ट्वीट करते हुए लिखा है, “कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को जन्मदिन पर बधाई दी या बत्ती?”
वहीं कांग्रेस के विचार विभाग के प्रमुख भूपेंद्र गुप्ता का कहना है, “यह विज्ञापन कांग्रेस की ओर से जारी नहीं किया गया है। पार्टी यह पता कर रही है कि विज्ञापन किसने जारी किया है। कांग्रेस को आशंका है कि यह विज्ञापन किसी की साजिश भी हो सकती है।”
समाचार पत्रों में जारी इस विज्ञापन में राष्ट्रीय नेताओं के अलावा प्रदेश से नाता रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी और राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा की तस्वीरें हैं। साथ ही प्रदेश इकाई के आठ उन नेताओं की तस्वीरें हैं जो कांग्रेस के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी संभालते हैं।