Fri. Nov 8th, 2024
    भाजपा और कांग्रेस

    मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब 75-76 फीसदी मतदान हुआ जो 2013 विधानसभा चुनाव में हुए मतदान से करीब 3.5 फीसदी ज्यादा है। ज्यादा मतदान से कांग्रेस को लगता है कि जनता ने शिवराज सिंह चौहान के 15 सालों के कुशासन के खिलाफ जोरदार मतदान किया है इसलिए इस बार राज्य में सत्ता परिवर्तन होगा।

    कांग्रेस को ये उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि 2003 में जब दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता से बाहर हुई थी तो उस वक़्त भी प्रदेश में भारी मतदान हुआ था और अनुमान लगाया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के 10 सालों के शासन से नाराज जनता भारी संख्या में मतदान केन्द्रों पर पहुंची जबकि भाजपा को लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मतदाताओं को मतदान केंद्र लाने और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में अहम् भूमिका निभाई इसलिए इतना ज्यादा मतदान हुआ।

    2003 में जब दिग्विजय सिंह के 10 सालों के शासन का अंत हुआ था तब मतदान पिछले साल की तुलना में करीब 7 फीसदी ज्यादा हुआ था। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में बढे मतदान प्रतिशत को कांग्रेस भाजपा के प्रति किसानों के गुस्से को मानती है। पार्टी को लगता है कि किसान भाजपा के प्रति नाराजगी जताने के लिए बड़ी संख्या में मतदान केन्दों पर आये जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान काफी ज्यादा हुआ।

    राज्य में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि ‘ज्यादा मतदान परिवर्तन का सूचक है और इस बार भाजपा की सरकार जा रही है।’ वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी देख कर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा था ‘राज्य में दो चीजें शांति से निपट गई, एक तो मतदान और दूसरी भाजपा।’

    भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, जिन्होंने मध्य प्रदेश में पार्टी के कैम्पेन पर काफी बारीकी से नजर रखा था, कहते हैं ‘2013 में भी इस बार की तरह मतदान करीब 3.5 फीसदी ज्यादा हुआ था और भाजपा ने अपनी सीटें 142 से बढ़ाकर 165 कर ली थी। कांग्रेस बेवजह ज्यादा मतदान में अपनी जीत देख रही है।’

    प्रभात कहते हैं कि मतदान मालवा और सेन्ट्रल मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में ज्यादा हुआ और इन क्षेत्रों में भाजपा पहले से ही मजबूत है खासकर उज्जैन, भोपाल और इंदौर में। उन्होंने कहा ‘मतदाताओं में शिवराज के लिए कोई घृणा नहीं और कमलनाथ के लिए कोई लगाव नहीं है। हम मंदसौर में भी ज्यादा सीटें जीतेंगे जहाँ कांग्रेस ने किसानों को मुद्दा बनाया हुआ है।’

    एक अन्य सीनियर भाजपा नेता का कहना है कि आरएसएस ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसकी वजह से मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई। भाजपा ने खुद भी हर न्यूज पेपर के पहले पन्ने पर 90 प्रतिशत वोटिंग की अपील वाला विज्ञापन दिया था।
    इंदौर में 2013 में 70.61 फीसदी मतदान हुआ था जबकि इस बार 71.44 फीसदी, उज्जैन में 74.93 (2013) फीसदी से बढ़ कर 76.61 फीसदी, भोपाल में 63.89 फीसदी (2013) से बढ़कर 65.4 फीसदी, धार में 71.95 फीसदी (2013) से बढ़कर 77.11 फीसदी, मंदसौर में 79.78 फीसदी (2013) से बढ़कर 81.29 फीसदी मतदान हुआ।
    कांग्रेस नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिन्धुया के गढ़ छिन्द्वारा, ग्वालियर और गुना में भी मतदान पमें काफी बढोतरी हुई। सिंधिया के गुना में 73.56 फीसदी (2013) से बढ़कर 76.19 फीसदी और कमलनाथ के छिन्द्वारा में 81.09 फीसदी (2013) से बढ़कर 83.76 फीसदी तक मतदान हुआ।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *