लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा हो गया। 25 दिसंबर को हुए शपथग्रहण में 28 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पास लोक सेवा प्रबंधन विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग, विज्ञान और प्रौद्धौगिकी विभाग, विमानन विभाग, औधोगिक निति और निवेश विभाग, जन संपर्क विभाग रखा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को नागरीय विकास और आवास विभाग सौंपा गया है जबकि विजयलक्ष्मी साधो के हिस्से में चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग और संस्कृति विभाग आया।
मंत्रालय इस प्रकार हैं –
- तरुण भनोट – वित्त मंत्रालय, सांख्यिकी विभाग
- बाला बच्चन – गृह मंत्रालय
- हुकुम सिंह कराडा- जल संसाधन विभाग
- गोविन्द सिंह – सहकारिता विभाग और संसदीय कार्य विभाग
- सज्जन सिंह – लोक निर्माण विभाग, पर्यावरण विभाग
- आरिफ अकील – भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, सूक्ष्म, लागु और माध्यम उद्दयम विभाग
- गोविन्द सिंह राजपूत -राजस्व विभाग, परिवहन विभाग
- ब्रिजेन्द्र सिंह राठौर- वाणिज्य मंत्रालय
- प्रदीप जायसवाल – खनिज साधन
- लाखन सिंह – पशुपालन, मत्स्य विभाग,
- तुलसी सिलावट- लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
- इमरती देवी – महिला एवं बाल कल्याण
- ओंकार सिंह – जनजातीय कार्य, विमुक्त घुमक्कड़, अर्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण
- प्रभुराम चौधरी- स्कूल शिक्षा विभाग
- प्रियवग्रत सिंह – ऊर्जा
- सुखदेव पांसे -लोक कल्याण यांत्रिकी विभाग
- उमंग सिंघार – वन विभाग
- हर्ष यादव – कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग
- कमलेश्वर पटेल – पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग
- लखन घंघोरिया -सामाजिक न्याय और कल्याण विभाग, अनुसुइचित जाति कल्याण विभाग
- महेंद्र सिंह सिसोदिया – श्रम विभाग
- पीसी शर्मा – विधि एवं विधाई कार्य विभाग
- प्रद्युम्न सिंह तोमर- खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं संरक्षण विभाग
- सचिन सुभाष यादव – किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग
- सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल -नर्मदा घटी विकास विभाग, पर्यटन
मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कांग्रेस में असंतोष के स्वर भी उभर कर आये। चूँकि कांग्रेस बहुमत से दूर रह गयी थी तो उसे बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के सहयोग से सरकार बनानी पड़ी लेकिन मंत्रिमंडल में समाजवादी पार्टी के विधायक को शामिल न करने पर अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई थी और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन न करने के संकेत दिए थे।