भोपाल, 31 मई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए प्रदेश सरकार नॉलेज कार्पोरेशन लिमिटेड गठित करने पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह बात शुक्रवार को समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने निजी कोचिग स्थानों से पीपीपी मॉडल पर विद्यार्थियों को कोचिग उपलब्ध करवाने के लिए तत्काल विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “उच्च शिक्षा और कौशल विकास गुणवत्तापूर्ण हो, यह सबसे ज्यादा जरूरी है। हमारा लक्ष्य है कि शिक्षित और प्रशिक्षित हर युवा को रोजगार के सुनिश्चित अवसर मिले। इसके लिए प्रदेश में नॉलेज कार्पोरेशन लिमिटेड गठित करने पर विचार किया जाएगा।”
कमलनाथ ने अधिकारियों से कहा, “उच्च शिक्षा और कौशल विकास केवल रस्म अदायगी न हो। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में फैकल्टी पर विशेष ध्यान दें, जिससे हमारे नौजवानों को रोजगार मिले। साथ ही शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में संख्या बल पर ध्यान देने के बजाय इस बात का निरंतर आकलन करना है कि उनमें से कितनों को रोजगार मिला।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता के लिए विभाग स्वयं के आíथक स्रोत विकसित करे। कार्पोरेट सोशल रिसोर्स का अधिक से अधिक सहयोग प्राप्त हो और इस दिशा में विभाग की लक्ष्य आधारित रणनीति बनाएं और इसके लिए उद्योगों से संपर्क किया जाए।”
बैठक में उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में नीतिगत विषयों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों पर भर्ती करने, स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना, कॉमन कैरियर पोर्टल, कालेज ऑफ एक्सीलेंस, आईआईटी एवं आईआईएम जैसे उत्कृष्ट संस्थान बनाने, आदिवासी बहुल क्षेत्र में उच्च शिक्षा के मामले में ग्रास एनरोलमेंट रेशो (जीईआर) बढ़ाने और निजी कोचिग स्थानों से विद्यार्थियों को पीपीपी मॉडल पर कोचिग उपलब्ध करवाने के लिए तत्काल विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।