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    मध्य प्रदेश के दमोह जिले से लगभग ढाई साल पहले लापता बारेलाल आदिवासी के पाकिस्तान के जेल में होने की सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ युवक के परिजन हरकत में आए हैं। बारेलाल का भाई उससे मिलने पाकिस्तान जाने की इच्छा जता रहा है।

    दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के शीषपुर गांव से लापता युवक बारेलाल आदिवासी के पिछले दिनों पाकिस्तान की जेल में होने की खबर आई। बारेलाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट चार मार्च, 2017 को थाने में दर्ज कराई गई थी।

    पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, “समाचार माध्यमों से मिली तस्वीरों के आधार पर पुलिस ने बारेलाल के गांव में जाकर जानकारी जुटाई तो गांव के लोगों ने तस्वीरों और वीडियो को देखकर नजर आ रही तस्वीर को बारेलाल की होने की पुष्टि की है। इस स्थिति से पुलिस मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है।”

    सूत्रों का कहना है कि दमोह पुलिस से बारेलाल के परिजनों और गांव वालों द्वारा दिए गए ब्यौरे के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और जांच एजेंसियों को अवगत करा दिया है।

    बारेलाल के पाकिस्तान की जेल में होने की जानकारी मिलने के बाद से उसके परिजन परेशान हैं। बारेलाल का परिवार किसानी से जुड़ा हुआ है और कोई भी पढ़ा-लिखा नहीं है। बारेलाल के मानसिक रूप से विक्षिप्त होने की बात कही जा रही है।

    बारेलाल के बड़े भाई पदम सिंह का कहना है कि वह बारेलाल की बीमारी के चिकित्सकों के पर्चे लेकर पाकिस्तान जाएगा, ताकि उसकी रिहाई करा सके। कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी बारेलाल के परिजनों से जाकर मिले और उन्हें भरेासा दिलाया कि प्रशासन और सरकार बारेलाल को वापस लाने के हर संभव प्रयास करेगी।

    बारेलाल के परिवार के किसी भी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं है। पदम सिंह का कहना है कि सरकार को पाकिस्तान तक भेजने में उसकी मदद करनी चाहिए, और अगर सरकार उसकी मदद नहीं करती है तो वह इसके लिए कर्ज तक लेगा। वहीं स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से पदम सिंह का पासपोर्ट बनवाने में आवश्यक मदद करने का आग्रह किया है।

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