मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं लेकिन अभी चुनाव परिणाम सामने नहीं आये हैं इसलिए राज्य में अभी भी चुनावी आचार संहिता लागू है। आचार संहिता के बीच शिवराज सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है जिसको लेकर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है।
बुधवार को 10:30 बजे वल्लभ भवन में कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। कांग्रेस ने प्रस्तावित कैबिनेट की मीटिंग पर सवाल उठाते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त वी कन्थाराव के पास शिकायत दर्ज करवाई है।
कांग्रेस प्रवक्ता जे पी धनोपिया ने कहा “जब राज्य में आचार संहिता लागू है ऐसे वक़्त में मुख्य मंत्री सिर्फ कार्यवाहक तौर पर राज्य का प्रशासक होता है। वो किसी भी सरकारी काम में दखल नहीं दे सकता और कोई फैसला नहीं ले सकता। वो कैबिनेट मींटिंग नहीं बुला सकते और कोई निर्णय नहीं ले सकते।”
धनोपिया ने बताया कि पार्टी ने राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है जिसे कंथाराव ने मुख्य चुनाव आयुक्त के पास भेजने के बारे में बताया है। कंथाराव ने बताया कि उन्हें इस कैबिनेट मीटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन जब आचार संहिता लागू है तो ऐसे में कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता।
वहीँ भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इस कैबिनेट मीटिंग को आयोजित करने में कुछ भी गलत नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि पार्टी इस कैबिनेट मीटिंग के लिए चुनाव आयोग से कोई अनुमति लेने नहीं जा रही। ये राज्य के कामो पर नियमित चर्चा के लिए बुलाई गई है। इस मीटिंग में किसी भी प्रकार की पॉलिसी पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।