मध्य प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी हैं। राज्य में अब तक दो लाख किसानों से 15 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी की जा चुकी है, जो बीते साल इसी अवधि तक खरीदे गए गेहूं की तुलना में 1़ 60 लाख मीट्रिक टन अधिक है। साथ ही इसका सुरक्षित भंडारण किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ गेंहूं खरीदी पर नजर रखे हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसानों को सही कीमत मिले।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 25 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हुई है। बुधवार तक राज्य में 15 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी की गई । पिछले साल की तुलना में इस साल 600 खरीदी केंद्र ज्यादा बनाए गए हैं। समितियां किसानों के खातों में सीधे भुगतान कर रही हैं।
आधिकारिक तौर पर दावा किया गया है कि, खरीदी में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए अगले एक माह की खरीदी के लिए पर्याप्त बोरे हैं। खरीदे गए गेहूं में से 71 प्रतिशत हिस्से को भंडारण स्थल तक भेजा जा चुका है। भंडारण के लिए 4 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की क्षमता के सायलो बैग उपयोग में लगाए गए हैं। जहां भी भंडारण सुविधा की कमी है वहां 14 लाख मीट्रिक टन के ओपन कैंप बनाए गए हैं। पिछले साल खरीदा गया गेहूं अब भी कई गोदामों में रखा हुआ है, जिसे अन्यत्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं ।
ज्ञात हो कि, पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से मंडियों में रखी उपज भीग गई थी। इस स्थिति से निपटने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि खुले में गेहूं को न रखा जाए।
राज्य सरकार की ओर से गेहूं किसानों को 160 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस तरह कुल मिलाकर प्रति क्विंटल 2000 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रुपये क्विंटल तय किया है। बीते साल समर्थन मूल्य 1735 रुपये क्विंटल था।