मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाने के बाद अब कांग्रेस में कौन बनेगा मुख्यमंत्री का खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस के साथ दिक्कत ये है कि उसके पास दोनों राज्यों में एक नहीं दो -दो दावेदार हैं।
मध्य प्रदेश में जहाँ वरिष्ठ नेता और 9 बार के छिंदवाड़ा के संसद कमलनाथ का पलड़ा युवा ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुकाबले भारी नज़र आ रहा है तो राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और अनुभवी अशोक गहलोत, सचिन पायलट पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।
दोनों राज्यों में पार्टी डॉ खेमों में बंटी हुई है। चुनाव तक तो सब खामोश थे लेकिन कीट मिलने के बाद दोनों खेमों के कार्यकर्ता अपने अपने नेताओं को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं।
कल दोनों राज्यों में विधायक दल की मीटिंग होने के बाद राज्य इकाई ने आखिरी निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर छोड़ दिया है। राहुल के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों खेमों को संतुष्ट करने की है। अगर कोई भी एक खेमा नाराज हुआ तो जीत के बाद पार्टी की किरकिरी हो सकती है।
पार्टी आलाकमान ने दोनों राज्यों से मुख्यमंत्री पद के सभी दावेदारों कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी के घर पर बुलाया गया। चारों नेताओं के समर्थकों की भीड़ भी राहुल गांधी के आवास के बाहर जुटनी शुरू हो गई।
आज 2001 में संसद पर आतंकी हमले में शहीद जवानो को श्रधांजलि देने जब राहुल गाँधी संसद गए तो पत्रकारों ने घेर लिया और मुख्यमंत्री के नामों के बारे पूछा तो राहुल गाँधी ने कहा जल्द ही सबको पता चल जाएगा।
हालाँकि मध्य प्रदेश में कल विधायक दल की मीटिंग में कमलनाथ को नेता चुन लिया गया था लेकिन फिर भी अभी तक मुख्यमंत्री के लिए किसी के नाम का ऐलान न होने से ये साफ़ जाहिर हो रहा है कि वहां भी सब कुछ इतना आसान नहीं है।
सबकी नज़रें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर टिकी हैं कि वो क्या फैसला लेते हैं।