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    KAMALNATH CABINET

    मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनाने वाले कमलनाथ ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 27 कांग्रेसी विधायकों तथा 1 निर्दलीय विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई।

    कैबिनेट में एक मुस्लिम प्रतिनिधि को भी मंत्री पद मिला। 15 वर्षों बाद राज्य में किसी मुस्लिम को मेंत्री बनाया गया है इसके अलावा 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 महिला मंत्री शामिल हैं। सभी मंत्रियों ने हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली।

    230 सदस्यीय विधानसभा में 15 फीसदी से अधिक मंत्री नहीं बनाया जा सकता इसलिए कमलनाथ के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 34 से अधिक नहीं हो सकती।

    28 मंत्रियों में से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कैम्प के 9 विधायक शामिल हैं जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्रुप के 8 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

    दिग्विजय सिंह के बेटे और दूसरी बार चुन कर आये विधायक जैवर्धन सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। 32 वर्ष के जयवर्धन, कमलनाथ कैबिनेट के सबसे युवा चेहरे हैं।

    15 सालों बाद मध्य प्रदेश को एक मुस्लिम मंत्री मिला है। भोपाल नॉर्थ से चुने जाने वाले विधायक आरिफ अकील को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भले ही महिला सशक्तिकरण की बात करें लेकिन 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 महिला विधायकों को मंत्री बनाया गया है। जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनके नाम है विजयलक्ष्मी साधौ (माहेश्वर सीट) और इमरती देवी (डाबरा सीट) .

    पहली बार चुन कर आने वाले किसी विधायक को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है।

    जिन 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली उनके नाम है – विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेंद्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, लाखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पानसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, , पीसी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, डॉ. प्रभु राम चौधरी, प्रियव्रत सिंह और तरुण भनोट

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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