मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के 23 छात्रों का निष्कासन खत्म कर दिया गया है। इन छात्रों पर दो अनुबंधक प्राध्यापकों (एडजंक्ट फैकल्टी) की कथित कार्यशैली के खिलाफ आंदोलन और विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ करने का आरोप था। वहीं दोनों अनुबंधक प्राध्यापकों के खिलाफ जांच जारी है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपेंद्र सिंह बघेल ने आईएएनएस को बताया, “जिन 23 छात्रों का निष्कासन किया गया था, उन सभी ने खेद जताया, जिसके बाद प्रबंधन ने उनके निष्कासन को खत्म कर दिया। तीन छात्रों ने पहले और 20 छात्रों ने बाद में खेद जताया।”
ज्ञात हो कि एमसीयू के दो अनुबंधक प्राध्यापकों दिलीप मंडल व मुकेश कुमार पर कथित तौर पर जातिवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। मंडल पर आरोप है कि वे अपने ट्वीटर हैंडल से जातिवाद को भड़काने की कोशिश करते हैं, एक जाति विशेष पर टिप्पणी करते हैं।
वहीं मुकेश कुमार पर भी जातिवाद का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने आंदोलन किया था। इन छात्रों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई और परिसर से बाहर खदेड़ने के लिए पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया गया था।
बघेल ने बताया कि छात्रों के खेद जताए जाने के बाद छात्रों का निष्कासन बहाल कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि जिन अनुबंधक प्राध्यापकों पर आरोप लगे हैं, उनकी जांच चल रही है।