Tue. Nov 5th, 2024

    मध्य प्रदेश की उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए नवाचार का सहारा लिया जा रहा है। अब सरकारी विश्वविद्यालयों में कंसोर्टियम बनाया गया है, जिसके माध्यम से तमाम विश्वविद्यालय एक-दूसरे की विशेषज्ञताओं का उपयोग कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। राज्यपाल की ही पहल पर देश में पहली बार मध्यप्रदेश में विश्वविद्यालयों का कंसोर्टियम बनाया गया है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय एक-दूसरे की विशेषज्ञताओं का उपयोग कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाएंगे।

    राज्यपाल टंडन ने उम्मीद जताई है कि कंसोर्टियम के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ाया गया यह कदम नया इतिहास बनाएगा।

    टंडन ने बुधवार को राजभवन में प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने कहा कि “रोजगारोन्मुखी पाठयक्रमों के संचालन के लिए औद्योगिक संस्थानों से समन्वय कायम करें। जो निर्णय लें, उन्हें पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ परिणाम तक ले जाएं।” उन्होंने कुलपतियों को नई सोच, ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में पहल करने को कहा।

    राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के बीच आपस में मिलकर अपने-अपने विश्वविद्यालयों की कमियों को दूर करने के लिए आपसी समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए।

    राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सभी विश्वविद्यालयों को उनकी आवश्यकतानुसार सॉफ्टवेयर और लायसेंस उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल ने साइंस रिसर्च के क्षेत्र में विद्यार्थियों को सुविधाएं देने, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व तथा पांडुलिपि संग्रहालय में रखी विभिन्न भाषाओं की लगभग 20 हजार पांडुलिपियों को शोध एवं अनुसंधान की सुविधा देने की जानकारी दी।

    इस अवसर पर सर्वसम्मति से राज्यपाल की अध्यक्षता में कंसोर्टियम का गठन किया गया। राज्यपाल के सचिव और शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कार्यकारी समूह में शामिल किया गया है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *