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    पुलिस

    इंदौर, 12 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के इंदौर में अमेरिकी एजेंसी का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों को धमकाकर ठगी करने वाले गिरोह का राज्य के साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के तीन सरगनाओं सहित 78 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 75 को जेल भेज दिया गया है और तीन पुलिस रिमांड पर हैं।

    राज्य साइबर सेल के अनुसार, इंदौर के विजय नगर स्थित प्लेटिनम प्लाजा इमारत की दो मंजिलों में कॉल सेंटर के संचालन की जानकारी मिली थी। इस कॉल सेंटर से जुड़े लोगों के पास लगभग 10 लाख अमेरिकी नागरिकों के डेटा थे। कॉल सेंटर के जरिए सॉफ्टवेयर की मदद से एक साथ 10 हजार से ज्यादा लोगों तक वॉइस मैसेज भेजा जाता था। इस मैसेज के जरिए उनकी भाषा में कहा जाता था कि आपका नंबर मनी लॉड्रिग, ड्रग ट्रैफिकिग आदि के मामले में सामने आया है, साथ ही धमकाया जाता था कि आप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और आपका सोशल सिक्युरिटी नंबर डेड हो जाएगा। ब्योरे के लिए कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करें।

    संबंधित व्यक्ति घबराकर कॉल सेंटर फोन करता तो कॉल सेंटर कर्मचारी स्वयं को अमेरिकन विजलेंस एजेंसी का अधिकारी बताकर धमकाता और समझौता करने के नाम पर ठगी करता था।

    साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “फर्जी कॉल सेंटर के संचालन की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की। सोमवार देर रात से मंगलवार तक चली कार्रवाई में 78 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 75 को जेल भेज दिया गया है, और तीन पुलिस रिमांड पर हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। कॉल सेंटर से पकड़े गए कर्मचारियों में ज्यादातर नागालैंड और मेघालय के निवासी हैं। यह कॉल सेंटर रात नौ बजे शुरू होता था। कर्मचारियों के अंदर जाने के बाद बाहर से शटर को बंद कर दिया जाता था।”

    सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि कॉल सेंटर की आड़ में ठगी का कारोबार करने वालों ने बड़ी संख्या में लोगों से बड़ी मात्रा में रकम ऐंठी है।

    लेकिन कितने लोगों से कितनी रकम ऐंठी गई है, फिलहाल पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है।

    सिंह ने बताया, “जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के पास लगभग 10 लाख अमेरिकी नागरिकों के डेटा थे। कॉल सेंटर से 100 कंप्यूटर, उनके सॉफ्टवेयर और 100 से ज्यादा मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। इस गिरोह के तीन सरगनाओं जावेद, शाहरुख और भाविल सहित 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरोह के दो अन्य सदस्य राहिल और सन्नी चौहान फरार हैं।”

    साइबर सेल के एक सूत्र ने बताया कि अहमदाबाद निवासी राहिल और जावेद ने लगभग एक साल पहले इंदौर में कॉल सेंटर खोला था। ये दोनों गुवाहाटी, नोएडा और महाराष्ट्र में कॉल सेंटरों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद अपने कर्मचारियों को लेकर इंदौर आ गए थे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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