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    SHRI SHRI RAVISHANKAR

    मद्रास हाई कोर्ट के मुदैरै बेंच ने तमिलनाडू के तंजावुर जिले में स्थित यूनस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित बृहदिस्वरा मंदिर में अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के एक आध्यात्मिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई सोमवार को भी जारी रहेगी। हालाँकि आयोजकों ने कार्यक्रम स्थल बदल दिया है।

    कार्यक्रम ‘अनंतता का अनावरण’ (अनइविलिंग इनफिनिटी) के लिए 2000 लोगों ने अपना नामांकन कराया था। चेन्नई  के रहने वाले एक चार्टर अकाउंट ने मंदिर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए एक पीआइएल दायर की थी।

    याचिकाकर्ता के वकील राजीव रूफस ने कहा, “यह एक बुरी मिसाल है। अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो कई अन्य लोग भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इससे विश्व विरासत स्थल को नुकसान पहुँच सकता है। श्री श्री के संस्था ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ ने दिल्ली में यमुना बाढ़ के मैदानों को बर्बाद कर दिया था।”

    आयोजकों ने विरासत संरचना के पास लोहे की चादरें और खम्भों का उपयोग करके अस्थायी धातु संरचना का निर्माण किया था। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के वकील एन कृष्णवेनी ने बताया “हमें तंबू और अन्य सभी वस्तुओं को हटाने का निर्देश दिया गया। हालाँकि हमने तर्क दिया कि यहाँ पहले भी नृत्य कार्यक्रमों सहित कई कार्यक्रम हो चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने दावा किया कि वे सभी सरकारी कार्यक्रम थे।”

    आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और कहा कि अध्यात्मिक कार्यक्रम चक्रवात प्रभावित समुदायों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जा रहा था। श्री कृष्णवेनी ने दावा किया कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निहित स्वार्थों वाले कुछ लोग जो मंदिर के बारे में कम परेशान हैं, यमुना बाढ़ के मैदानों के बारे में झूठी बातें कह रहे हैं ताकि तमिलनाडु में आध्यात्मिक गतिविधियों को होने से रोका जा सके।”

    इस मंदिर को तंजावुर में बड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है। चोल राजवंश के विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ये मंदिर 1,000 से अधिक वर्षों से खड़ा है। हालांकि, किसी भी निजी संगठन ने अब तक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति प्राप्त नहीं की है। सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और चैरिटेबल एंडॉवमेंट्स विभाग ने श्री रविशंकर के संगठन को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त करने के बाद इस कार्यक्रम की अनुमति दी।

    दो साल पहले, दिल्ली में यमुना किनारे बाढ़ के मैदानों को बर्बाद करने के लिए आध्यात्मिक गुरु के कार्यक्रम “विश्व संस्कृति महोत्सव 2016” की आलोचना की गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बाद में संस्था पर 5 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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