Wed. Nov 20th, 2024

    तमिलनाडु के मदुरै में बुधवार सुबह पारंपरिक बुल टेमिंग कार्यक्रम जल्लीकट्टू शुरू हुआ। इस दौरान कार्यक्रम देखने आए दर्शकों और प्रतिभागियों को मिलाकर 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जल्लूकट्टू प्रत्येक वर्ष फसल त्योहार पोंगल के एक भाग के रूप में आयोजित किया जाता है।

    अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान घायल हुए लोगों को मदुरै के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। बता दें, अगले दो दिनों में अकेले मदुरै जिले में आयोजित होने वाले इस आयोजन में 2,000 से अधिक बैल भाग लेंगे और 31 जनवरी तक राज्य के कई हजार अन्य बैक इसमें शामिल होंगे।

    इससे पहले, आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के विभिन्न जिलों में जल्लीकट्टू के संचालन के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता किसान, एके कन्नन को मद्रास उच्च न्यायालय की चेन्नई बेंच से संपर्क करने के लिए कहा और याचिका को खारिज कर दिया। एके कन्नन ने अपनी याचिका में मांग की थी कि इस आयोजन को जिला कलेक्टर की देखरेख में आयोजित किया जाना चाहिए।

    गौरतलब है, 2014 में, शीर्ष अदालत ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और द पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स (पीईटीए) द्वारा याचिका दायर किए जाने के बाद पारंपरिक बुल-टैमिंग खेल जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने जोर दिया कि जल्लीकट्टू राज्य की संस्कृति और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बाद में जनवरी 2017 में चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद कानून में संशोधन के साथ प्रतिबंध हटा दिया गया था।

    हालांकि राज्य सरकार ने पशु क्रूरता की जांच करने और अदालती आदेशों का पालन करने वाले दर्शकों और सांडों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम बनाए हैं। लेकिन पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पशु क्रूरता अभी भी जारी है।

    पिछले वर्षों में भी प्रतियोगियों को सांडों ने मौत के घाट उतार दिया है। पिछले दो दशकों में दो सौ से अधिक लोग जल्लीकट्टू में मारे गए हैं। जिसमें बैलों को काबू करने वाले और दर्शक शामिल हैं। हालांकि, आयोजकों का मानना है कि पारंपरिक खेल पर कोई भी प्रतिबंध आपदा राज्य में आपदा का कारण बन सकता है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *