पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के अगले दिन देश में आर्थिक मंदी को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि ऐसे हालात से निजात पाने के लिए सरकार के पास कोई समाधान भी नहीं है। चिदंबरम ने मीडिया से कहा, “केंद्र सरकार वर्तमान मंदी को ‘चक्रीय’ कह रही है। भगवान का शुक्र है कि उन्होंने इसे ‘मौसमी’ नहीं कहा है। यह ‘संरचनात्मक’ है और सरकार के पास कोई समाधान या सुधार का उपाय नहीं है, जो संरचनात्मक समस्याओं का समाधान कर सके।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने साल 2004 से 2014 के बीच 14 करोड़ लोगों को गरीबी से उबारा। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 2016 से अब तक लाखों लोगों को गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिया है।”
चिदंबरम ने जेल में 106 दिन बिताने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति हाल के दिनों में सबसे अधिक दबाव बढ़ाने वाला और विस्फोटक मुद्दा है।
“उन्होंने कहा कि सरकार गलत व अनभिज्ञ है और वह स्पष्ट संकेतों को तलाशने में भी असमर्थ है। यह अपनी भयानक गलतियों जैसे कि विमुद्रीकरण, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, कर आतंकवाद, संरक्षणवाद और केंद्रीकृत नियंत्रण के फैसलों का बचाव करने के लिए अड़ियल रवैया अख्तियार किए हुई है।”
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर नहीं है। पिछली छह तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तिमाही वृद्धि दर 8, 7, 6.6, 5.8, 5 और 4.5 फीसदी रही हैं यानी लगातार गिरावट की स्थिति है। 2019-20 की तीसरी और चौथी तिमाही में भी कुछ बेहतर होने की संभावना नहीं है।
चिदंबरम ने कहा, “अगर यह साल खत्म होने तक विकास दर पांच फीसदी के स्तर को छूती है तो हम खुद को भाग्यशाली समझेंगे।”
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर असामान्य रूप से चुप्पी साथ रखी है।
ग्रामीण खपत पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह एनएसएसओ के अनुसार नीचे है।
चिदंबरम ने कहा कि ग्रामीण मजदूरी कम है और विशेष रूप से किसानों के लिए उत्पादक कीमतें भी नीचे हैं। दैनिक मजदूरी कमाने वालों को महीने में 15 दिनों से ज्यादा काम नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा कि जब तक मांग नहीं बढ़ती है, तब तक उत्पादन या निवेश में वृद्धि नहीं होगी।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, “अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर लाया जा सकता है, लेकिन यह सरकार ऐसा करने में असमर्थ है। मेरा मानना है कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर हैं, लेकिन हमें बेहतर समय का इंतजार करना होगा।”
कांग्रेस नेता ने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि वहां के लोगों की बुनियादी आजादी छीन ली गई है और उन्हें यह हक दिलाने के लिए हमें लड़ना चाहिए।