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    Manduadih railway station

    वाराणसी, 11 जून (आईएएनएस)| वाराणसी में फिर से बनाया गया मंडुआडीह रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्वरूप दिया गया है। इसे एक स्वांक कॉर्पोरेट कार्यालय या एक हवाईअड्डे का टर्मिनल समझ कर कोई भी आसानी से धोका खा सकता है।

    बनारस और काशी के नामों से चर्चित वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

    न केवल स्टेशन निर्माण, बल्कि इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी रेलवे स्टेशन को अलग बनाती हैं।

    Manduadih railway station

    भारतीय रेलवे द्वारा दी गई नई सुविधाओं में एलईडी लाइट्स, एक वातानुकूलित वेटिंग लाउंज और स्टेनलेस स्टील बेंच शामिल हैं।

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार ने संशोधित मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर ‘बनारस’ रेलवे स्टेशन रखने की योजना बनाई है।

    Manduadih railway station

    फव्वारे उन क्षेत्रों को सुशोभित करने के लिए स्थापित किए गए हैं, जिनके पास एक विशाल प्रतीक्षा क्षेत्र, परिसंचारी क्षेत्र, बुकिंग/आरक्षण कार्यालय, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, वेटिंग रूम और बहुत कुछ है।

    स्टेशन में एसी और नॉन-एसी रिटायरिंग रूम के साथ-साथ डॉर्मिटरी भी हैं। स्टेशन परिसर में वास्तुकला काशी की भावना को दर्शाता है। प्लेटफार्म एलईडी लाइट्स और एलसीडी डिस्प्ले पैनल के साथ साफ और चमक रहे हैं।

    Manduadih railway station

    परिसर अच्छी तरह से एलईडी रोशनी के साथ जलाया जाता है और इसकी सफाई का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है।

    यह स्टेशन न केवल यात्रियों को विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय मानक सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि यह वाराणसी के नागरिकों को रोजगार भी देगा।

    Manduadih railway station

    मंडुआडीह रेलवे स्टेशन में आठ प्लेटफार्म हैं और वर्तमान में आठ ट्रेनें इस स्टेशन से गुजरती हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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