भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगोलिया के दौरे पर है। पिछले 42 वर्षों में मंगोलिया का दौरा करने वाली श्रीमती स्वराज पहली विदेश मंत्री है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी भी मंगोलिया का दौरा कर चुके है।
दोनों देश ना सिर्फ आर्थिक, सामजिक विषयों पर विचार साझा करते हैं बल्कि बौद्ध धर्म की विरासत भी साझा करते हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगोलिया को भारत का ‘आध्यात्मिक पड़ोसी’ होने का दर्जा दिया।
मंगोलिया दौरे पर पहुंची सुषमा स्वराज ने अपने मंगोलियाई समकक्ष डी सोगतबतार से द्विपक्षीय मुलाकात की। स्वराज ने ‘भारत-मंगोलिया सहयोग समिति वार्ता’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
अपने साझा बयान में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अपने द्विपक्षीय संबंध सुधारने, व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर सहमती जताई। भारत-मंगोलिया विज्ञान, उर्जा, शिक्षा, व्यापार जैसे विषयों सालों से सहयोग कर रहे है। इस दौरे का हेतु दहशतवाद, जलवायु परिवर्तन और रक्षा मामलों पर रणनीतिक साझेदारी बढ़ाना और अपने द्विपक्षीय संबंधो को नया आयाम देना यह है।
भारत अपने बढती उर्जा जरूरतों के लिए पर्याय तलाश रहा है, बीते दिनों भारत मंगोलिया से कच्चा तेल खरीदने की बात हो रही थी। यह उम्मीद जताई जा रही है की, भारत की आर्थिक और तकनीकी सहायता से मंगोलिया के पहले ऑइल रिफाइनरी का काम 2018 में शुरू हो जाएगा।
अपने इस दौरे में सुषमा स्वराज ने गन्दन मोनेस्ट्री को भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा भेंट दी। उन्होंने बौद्ध धर्म को भारत और मंगोलिया को जोड़ने वाला पहलु बताया। आपको बता दे, 1960 के आते आते मंगोलिया से बौद्ध धर्म नामशेष हो रहा था। बौद्ध धर्म को पुनः स्थापित करने में भारतीय राजदूत 19वें किशोक बकुला ने महत्वपूर्ण भमिका अदा की थी। वे सिर्फ भारतीय राजदूत न होकर एक आध्यत्मिक गुरु और कुशल राजनेता भी थे। उन्हें मंगोलिया में गुरु के रूप में जाना जाता है।
भारत-मंगोलिया के संबंध
- खनिज संपन्न मंगोलिया के साथ भारत के रिश्तों में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद सुधार देखा गया हैं।
- देश में बुनियादी विकास के लिए भारत ने मंगोलिया को 2।5 करोड़ डॉलर की मदद की है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंगोलिया यात्रा में उलानबातर में भारत की मदत से बने ‘नेशनल कैंसर सेण्टर’ की कैंसर इलाज में उपयुक्त मशीनरी हस्तांतरित की थी।
- प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा में मंगोल संसद को संबोधित किया था। उसीके साथ 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक मदत करने का एलान किया था।
- मंगोलिया, सयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की सदस्यता के पक्ष में हैं। मंगोलिया अपने दक्षिणी सीमा प्रान्त में चीन के रवैये को लेकर परेशान हैं, वो इस विषय में भारत की सहायता चाहते हैं।