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    भ्रष्टचार मामलों में भारत का सुधार

    ग्लोबल करप्शन इंडेक्स ने भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है और साल 2018 की रिपोर्ट में 78 वें पायदान पर पंहुच गए हैं। इस रिपोर्ट को मंगलवार को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने जारी की थी। भ्रष्टाचार रोधी संगठन की रिपोर्ट में भारत ने चीन को भी पछाड़ दिया है।

    ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 2018 की रिपोर्ट में कहा कि 180 देशों की फेरहिस्त में भारत ने तीन स्थान का सुधार करते हुए 78 वां पायदान हासिल किया है। इसमें चीन को 87 वां और पाकिस्तान को 117 वां स्थान मिला है। इस सूचकांक की रैंकिंग सार्वजनिक स्तर पर देशों और क्षेत्रों में फैले भ्रष्टाचार का आंकलन किया जाता है। इस सूचकांक का मानक हर देश के लिए शून्य से सौ तक होता है। शून्य हासिल करने वाला देश अधिक भ्रष्टाचारी है और और 100 वाले की छवि बिलकुल पाक साफ़ है।

    भ्रष्टचार रोधी संगठन ने कहा कि लोक सभा चुनावों से पूर्व भारत की स्थिति में सुधार हुआ है। साल 2017 में भारत का स्थान 40 अंक के साथ 81 वें और साल 2018 में 41 अंक के साथ 79 वें स्थान पर था। साल 2008 से भारत की स्थिति में धीमी रफ़्तार से सुधार हुआ है।

    रिपोर्ट के मुताबिक अन्य देशों को, मलेशिया 47 अंक, मालदीव 31 अंक और पाकिस्तान 33 अंक मिले हैं और इन देशों की प्रगति देखना महत्वपूर्ण होगा। इन देशों में भ्रष्टचार के खिलाफ काफी कारवाई की गयी है और आम नागरिकों की राजनीति के दखलंदाजी बढ़ी है। यहाँ की सरकारे अधिकतर भ्रष्टचार विरोधी व्यापक सुद्जारों का वादा करते है।

    रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका पहली बार साल 2011 के बाद शीर्ष 20 देशों की सूची से बाहर है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में डेनमार्क सबसे कम भ्रष्टाचारी देश है। न्यूजीलैंड इस सूची में दुसरे व फ़िनलैंड, सिंगापुर और स्वीडन इस सूची में तीसरे पायदान पर है। 180 देशों की इस सूची में सोमालिया सबसे निचले स्थान पर है यानी सबसे अधिक भ्रष्टचारी देश है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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