भोपाल, 4 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुíवज्ञान संस्थान (एम्स) रासायनिक, जैविक, विकिरण, परमाणु और विस्फोटक हमलों या आपदाओं (सीबीआरएनई, डिजास्टर) से निपटने के लिए चिकित्सकों हेतु एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जुलाई 2019 से प्रारंभ करने जा रहा है। यह पाठ्यक्रम छह माह का होगा।
एम्स के निदेशक प्रोफेसर सरमन सिह ने इस नए पाठ्यक्रम के बारे में मंगलवार को बताय, “सीमा पार से होने वाले सीबीआरएनई हमलों या आपदाओं से निपटने के लिए प्राानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर चिकित्सा प्रबंधन का एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जुलाई 2019 से शुरू किया जा रहा है। छह माह के इस पाठ्यक्रम में 12 चिकित्सकों को प्रवेश दिया जाएगा।”
सिंह ने कहा, “यह पाठ्यक्रम शुरू करने वाला एम्स भोपाल पहला संस्थान होगा। इसके बाद यह पाठ्यक्रम एम्स जोधपुर और दिल्ली में भी प्रारंभ किया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि यह पाठयक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंस (आईएनएमएएस), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और इग्नू के सहयोग से चलाया जाएगा।