असम गायक भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका ने मंगलवार को कहा कि भारत रत्न के ऊपर हो रहा विवाद पूरी तरह से अनावश्यक है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि उनके बेटे तेज़ ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये भारत रत्न स्वीकार करने से मना नहीं किया है।
उनके मुताबिक, “हमने देखा कि मीडिया द्वारा गायक को भारत रत्न मिलने पर बहुत विवाद पैदा किया जा रहा है। इसके सम्बन्ध में, कोई भी विवाद पूरी तरह से अनावश्यक है।” उन्होंने कहा कि भूपेन को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाज़े जाने के कारण असम के लोगों में बहुत उत्साह है और परिवारवाले बहुत खुश हैं।
समर ने आगे कहा कि उनके भाई को इससे पहले पद्मा विभूषण, पद्मा भूषण, पद्मा श्री, दादा साहेब फाल्के और संगीत नाटक अकादेमी से भी सम्मानित किया जा चुका है।
उनके मुताबिक, “उन्होंने (भूपेन) असम की विरासत और मजबूत लोक संस्कृति को अपनी रचनाओं के माध्यम से दुनिया में लेकर गए और हम सब को गर्व महसूस करवाया। हर पुरुस्कार ने असम और उसके लोगों का गौरव और गर्व स्वाभाविक रूप से बढ़ाया है।”
दरअसल, भूपेन हजारिका के बेटे तेज़ हजारिका ने नागरिकता संसोधन विधेयक के ऊपर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि उनके पिता अगर जिंदा होते तो वे भी यही महसूस करते।
उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिये लिखा-“भारत रत्न और बड़े बड़े पुल, देशवासियों के बीच शांति और समृद्धि का प्रचार नहीं करेंगे। केवल नेतृत्व के तौर पर, लोकप्रिय कानून और दूरदर्शिता करेगी। काफी मीडिया पत्रकार मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मैं अपने पिता का भारत रत्न स्वीकार करूँगा या नहीं। मैं सिर्फ दो बाते कहना चाहूँगा-पहला कि मुझे निमंत्रण मिला ही नहीं तो अस्वीकार करने के लिए कुछ है ही नहीं और दूसरा कि केंद्र के ऐसे वक़्त में सम्मान देना और देश भर में इसे अहमियत मिलना, कुछ नहीं बस सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया है।”