भूटान में भारतीय राजदूत के पद को रुचिरा कम्बोज को सौंप दिया है। वह अभी दक्षिण अफ्रीका में भारत की राजदूत है और साल 2017 से इस पद पर बरकरार है। रुचिरा कम्बोज भारतीय विदेश सर्विस के साल 1987 के बैच की अधिकारी है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक वह जल्द ही भूटान में अपना कार्यभार संभल लेंगी। उन्होंने इससे पूर्व यूनेस्को, पेरिस में भारत का स्थायी प्रतिनिधित्व किया था। चीन की अपनी विदेश नीति के तहत भूटान तक पंहुच भारत के लिए चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है। भूटान की नई सरकार बीजिंग में उनके मुल्क की अर्थव्यवस्था को संवारने वाले की क्षमता देख रही है। इस लिहाज से भूटान भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
लोटाय त्शेरिंग गुरूवार को अपनी पहली अधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत आये थे। बीते माह भूटान में प्रधानमन्त्री त्शेरिंग की पार्टी को भारी मतों से जीत मिली थी। दिन की शुरुआत में लोटाय त्शेरिंग का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत हुआ था। भूटानी प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की थी।
भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 12 वें पंचवर्षीय कार्यक्रम के लिए भूटान को 4500 करोड़ की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भूटान के साथ हाइड्रोपावर सहयोग द्विपक्षीय समझौतों का महत्वपूर्ण भाग है और मंग्देच्छु परियोजना का कार्य जल्द ही समाप्त हो जायेगा।