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    भुवनेश्वर कुमार

    भुवनेश्वर कुमार उन सात खिलाड़ियो में से एक खिलाड़ी है जो पिछले विश्वकप में भी टीम का हिस्सा थे। उनके गेंद घुमाने की क्षमता ने उन्हे भारतीय टीम का नियमित हिस्सा बना के रखा हुआ है और आगामी विश्वकप में भी वह टीम के लिए अभिन्न हिस्सा होंगे।

    29 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिए हाल में खत्म हुआ आईपीएल सीजन सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से उतार-चढाव भरा रहा लेकिन वह विश्वकप में अपनी गेंदबाजी से प्रभाव छोड़ने के लिए बेहद उत्साहित है। आईपीएल के दौरान उन्होने टीओआई के बातचीत में कुछ अहम मुद्दो पर बात की- जिसमें उन्होने 12 महीनो में झेली परेशानियो के बारे में बताया और मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के साथ-साथ गेंदबाजी के अपने अनुभव के बारे में बताया।

    यह आपका दूसरा वनडे विश्वकप होने वाला है। 2015 के आखिरी विश्व कप के बाद से आप एक गेंदबाज के रूप में कैसे विकसित हुए हैं?

    हां हालांकि 2015 से अबतक निश्चित रुप से मेरी गेंदबाजी में काफी सुधार आया है और मैंने अपनी विविधताओ, पेस, धीमी गेंद और नकल गेंद पर बहुत काम किया। इसके साथ अपने अपनी फिटनेस में भी बहुत सुधार किया है।

    जैसे आप बुमराह और शमी के साथ गेंदबाजी करते आए है क्या आपको लगता है यह भारत का सबसे अच्छा पेस अटैक है?

    मैं इस पर कोई टिप्पणी नही करना चाहता कि हम सर्वश्रेष्ठ है या नही क्योंकि फिल्ड में हमार प्रदर्शन सब कुछ बयां करता है। हमारे प्रदर्शन ने पिछले कुछ सालो से हमारे लिए बात की है। भारत का गेंदबाजी आक्रमण दिन-प्रतिदिन मजूबती से आगे बढ़ रहा है। आज हम कह सकते है हमारी तेज गेंदबाजी अतिक्रमण हर ट्रेक पर प्रभाव छोड़ सकती है।

    आप पिछले 12 महीनों में चोटों से घिर हुए थे और आपने बहुत क्रिकेट नही खेल पाए है। क्या यह आपकी गेंदबाजी पर भारी पड़ा है?

    चोटें एक खिलाड़ी के करियर का एक हिस्सा और पार्सल हैं। जब आप घायल होते हैं और पुनर्वसन से गुजरते हैं, तो सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण है और नकारात्मक विचारों को रेंगने की अनुमति न दें। उस समय के दौरान जब आप खेल से दूर होते हैं, तो कड़ी मेहनत करना और मजबूत होकर वापस आना महत्वपूर्ण है।

    इंग्लैंड की पिचे पिछले कुछ सालो से स्पाट रही है, आप विश्व कप में भारतीय गेंदबाजों की संभावनाओं का आकलन कैसे करते हैं?

    मैं इस बात से सहमत हूं कि इंग्लैंड की पिचे कुछ सालो से सपाट रही है। लेकिन टीमें भारत की गेंदबाजी इकाई से सावधान रहेंगी क्योंकि हम शुरुआत से लेकर अंतिम ओवर तक शक्तिशाली हो सकते है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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