नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)| संसद में सोमवार को कहा गया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) जैसे सरकारी संस्थानों ने प्राचीन भित्तिचित्रों को संरक्षित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि एएसआई नियमित तौर पर भित्तिचित्रों व प्राचीन लोकचित्रों के संरक्षण कार्य में अपने संरक्षित स्मारकों में भाग लेता है, जिस कारण वे संरक्षण की अच्छी स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा कि आईजीएनसीए की परियोजना ‘जम्मू एवं कश्मीर व हिमाचल प्रदेश (जनजाति व पिछड़े इलाकों) में बौद्ध भित्तिचित्र की स्थिति’ का मकसद लद्दाख में एक प्रयोगशाला का विकास करना है।
इस परियोजना के पहले चरण में क्षेत्र के कई मठों पर कार्य चल रहा है।
पटेल ने कहा, “आईजीएनसीए ने उत्तर प्रदेश के बैसवारा में 105 मंदिर के भित्तिचित्रों का चित्रमय प्रलेखीकरण किया है।”